शहर को भा रहा गया के तिलकुट का स्वाद
मकर संक्राति पर्व तिलकुट की विशेष मांग रहती है, राउरकेला शहर में भी गया के तिलकुट का विगत 17 सालों से राज कायम है।
राउरकेला, जेएनएन। मकर संक्राति पर्व पर बिहार के गया जिले के तिलकुट की बड़ी मांग रहती है। स्वाद और खस्ता के कारण इसने पूरे देश में अपनी अलग ही छाप छोड़ी है। यही वजह है कि जहां तक हो पाता है गया के कारीगर विभिन्न शहरों में जाकर ताजा तिलकुट तैयार करते हैं वहीं, कुछ व्यापारी गया से तिलकुट मंगा कर लोगों को उसका स्वाद चखाते हैं।
इसी कड़ी में राज्य के विभिन्न शहरों सहित सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला शहर में भी गया के तिलकुट का विगत 17 सालों से राज कायम है। शहर में हर साल गया के जानीबिघा अंचल से तीन दर्जन से अधिक कारीगर आते है। जो स्थानीय व्यापारियों के यहां तिलकुट बनाते है। साथ ही गया से कम कीमत पर लोगों को तिलकुट का स्वाद पहुंचाते हैं।
बुलावे पर आते हैं पिछले 17 साल से हम लोग स्थानीय व्यापारियों के बुलावे पर राउरकेला आ रहे है। यहां सभी सामग्रियों को मिलाकर ठीक गया की तरह तिलकुट बनाया जाता है। गया तिलकुट का स्वाद और यहां बनाए गए तिलकुट का स्वाद एक तरह का है।
- मुकेश सिंह, तिलकुट कारीगर, गया।
पहले मंगाते थे शहर में पहले गया से तिलकुट मंगाकर वहां का स्वाद लोगों तक पहुंचाते थे। अब वहां के कारीगर यहां आकर तिलकुट बना रहे है।
यहां चीनी, गुड़, खोवा, लाय, अनरसा के तिलकुट बनाया जाता है। इसकी मांग सुंदरगढ़ सहित छत्तीसगढ़ और झारखंड़ के कई जिलों तक है।
- बिनोद सोनकर, तिलकुट व्यापारी।