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वन विभाग ने ग्रामीणों पर ठोंका नौ हजार रुपये का जुर्माना

सुंदरगढ़ जिले के पर्यटन स्थल खंडाधार जलप्रपात क्षेत्र में कब्जे वाली जमीन पर भी ग्रामीणों का अधिकार नहीं रह गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 09:43 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 09:43 PM (IST)
वन विभाग ने ग्रामीणों पर ठोंका नौ हजार रुपये का जुर्माना

संवादसूत्र, लहुणीपाड़ा : सुंदरगढ़ जिले के पर्यटन स्थल खंडाधार जलप्रपात क्षेत्र में कब्जे वाली जमीन पर भी ग्रामीणों का अधिकार नहीं रह गया है। राजस्व विभाग अधीनस्थ 60 डिसमिल जमीन की सफाई कर रहे ग्रामीणों को वन कर्मियों ने न केवल रोका बल्कि उन पर नौ हजार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया। विभाग की इस तानाशाही को लेकर ग्रामीणों में रोष है।

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खंडाधार क्षेत्र आदिम जन जाति पाउड़ी भुइयां के लिए जाना जाता है। तालबहाड़ी, कुलीपोष पंचायत क्षेत्र के लोगों की आजीविका वन उत्पाद से ही चलती है। इतना ही नहीं जंगल की सुरक्षा का दायित्व भी वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को ही सौंपा गया है। पाउड़ी भुइयां को मुख्य धारा में शामिल करने के लिए विभिन्न योजनाओं में काम चल रहा है। वन एवं पर्यावरण तथा पर्यटन विभाग की नजर इस क्षेत्र में पड़ने के बाद यहां ग्रामीणों की सहायता से विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। जिलापाल भी इस क्षेत्र के ग्रामीणों के विकास के लिए उन्हें साथ लेकर चलने पर जोर दिया है। ग्रामीणों को आय का 40 फीसद हिस्सा देने का भी भरोसा दिया गया पर यह आश्वासन तक ही सीमित रह गया।

इसके बाद ग्रामीणों ने आय बढ़ाने के लिए पल्लीसभा व ग्राम सभा में पंचायत का अपना आइबी बनाने का प्रस्ताव पारित किया। इसके लिए राजस्व विभाग की 60 डिसमिल जमीन फर्म-क के आधार पर मांगने के बाद सफाई की गई। इसे वन कानून के खिलाफ बताकर वन विभाग की ओर से नौ हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। आइबी निर्माण के लिए सभी तरह की तैयारी के बाद वन विभाग द्वारा अडंगा डाला जा रहा है। ग्रामीणों ने इस ओर उपजिलापाल का ध्यान आकृष्ट किया है।

कुलीपोष एवं तालबाहाड़ी पंचायत को खंडाधार जलप्रपात क्षेत्र से बाहर रखा गया है। इस क्षेत्र में वन विभाग की ओर से किसी तरह का जुर्माना लेने की सूचना नहीं है। ग्रामीणों के साथ किसी तरह का मतभेद हुआ है तो इसकी जांच कर आवश्यक कदम उठाया जाएगा।

- जोहना ओराम, एसीएफ, बणई।


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