स्टील संयंत्रों को किया जा रहा हाईटेक, उत्पादन बढ़ाने पर जोर : कुलस्ते
देश में स्टील की मांग बढ़ी है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार सभी स्टील संयंत्रों में उत्पादन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: देश में स्टील की मांग बढ़ी है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार सभी स्टील संयंत्रों में उत्पादन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए सरकारी व निजी दोनों सेक्टरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकारी संयंत्रों की कार्यक्षमता को इस बीच काफी बढ़ाया गया है। उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकारी स्टील संयंत्रों को हाईटेक किया जा रहा है। शुक्रवार को लाल बिल्डिग गली स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय में आयोजित बैठक से निकलने के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने ये बातें कही।
उन्होंने कहा कि सेल के सभी संयंत्रों के निरंतर आधुनिकीकरण और उन्नयन किया जा रहा है ताकि स्टील की मांग को पूरा किया जा सके। इस दौरान भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष सुदर्शन गोयल, अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गा तांती प्रमुख उपस्थित थे। इसके बाद वे शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
संयंत्रों में सुरक्षा पर विशेष ध्यान : राउरकेला अस्पताल संयंत्र में विगत दिनों हुई अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना पर दुख जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि देश के संयंत्रों में सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार प्राथमिकता दे रही है। इसके लिए पहली बार देश में संयंत्रों की सुरक्षा पर एक नीति (पॉलिसी) बनाई गई है। इससे पहले देश में संयंत्रों की सुरक्षा पर कोई नीति नही थी। उन्होंने कहा कि संयंत्र में मशीनरी काम करती है। इस कारण उसमें गड़बड़ी आ ही जाती है। जिससे इस तरह की घटनाएं होती है। लेकिन संयंत्रों में जीरो दुर्घटना के लिए हमारी ओर से सभी प्रकार का प्रयास किया जा रहा है। ताकि जानमाल के नुकसान को कम किया जा सके।
माइनिग एरिया में स्थानीय लोगों के विकास को प्राथमिकता :
केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि सरकार का फोकस माइनिग एरिया पर है। स्थानीय लोगों तथा युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने पर जोर दिया जा रहा है। ताकि माइनिग एरिया का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसके लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। क्षेत्र की सड़कों का विकास किए जाने के साथ-साथ अंचलों में पेयजल समेत अन्य समस्याओं का निराकरण करने के प्रयास जारी है।