रेलमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण में आई तेजी
धीमी गति से चल रहे तालचेर- विमलागढ़ रेल मार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण के काम में अब तेजी लाई गई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : धीमी गति से चल रहे तालचेर- विमलागढ़ रेल मार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण के काम में अब तेजी लाई गई है। तालचेर- विमलागढ़ रेलमार्ग संग्राम समिति की ओर से लगातार आंदोलन के बाद बणई उपजिलापाल की ओर से इसके लिए पहल करने की जानकारी दी है। सुंदरगढ़ जिले में 248 एकड़ निजी, 138 एकड़ सरकारी तथा 94 एकड़ वन भूमि पर अधिग्रहण होना शेष है। उपजिलापाल कार्यालय से इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।
बणई उपजिलापाल प्रदीप कुमार डांग के साथ संग्राम समिति से जुड़े बणई विधायक लक्ष्मण मुंडा, अद्वैत प्रसाद बिस्वाल, रमेश चंद्र बल, हरिहर राउतराय, प्रमोद कुमार सामल, सुरेन्द्र दास, एचएन यादव ने बातचीत की। उपजिलापाल ने जमीन अधिग्रहण संबंधित प्रगति के संबंध में जानकारी दी। इसके लिए अधिसूचना जारी करने के साथ ही जमीन अधिग्रहण के लिए विशेष अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। जमीन अधिग्रहण अधिकारी का कार्यालय सुंदरगढ़ के बजाय बणई करने का भरोसा भी उन्होंने प्रतिनिधियों को दिया। तालचेर विमलागढ़ रेल मार्ग के निर्माण के लिए 1968 में पहला आंदोलन हुआ था एवं क्रियान्वयन कमेटी गठित की गई थी। 2003 में परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण शुरु किया गया। 17 साल में इस परियोजना में 276.15 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं। पहले चरण में तालचेर से सुनाखनी स्टेशन तक 20 किलोमीटर का काम 2007-08 में पूरा हुआ। सुनाखनी से विमलागड़ तक 2018 में काम पूरा करना था। 149 किलोमीटर रेल मार्ग निर्माण की इस योजना में 606.60 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन 2001-02 में लगाया गया था। पर 2003-04 में केवल एक लाख रुपये इसके लिए स्वीकृत किए गए। 2004-05 में एक करोड़, तथा इसी तरह 2017-18 तक 290 करोड़ रुपये मंजूरी मिली। 2018-19 में इस योजना के लिए 150 करोड़ रुपये मिले जबकि 2019-29 में 140 करोड़ की स्वीकृति मिली।