राष्ट्रीय उद्योगों का निजीकरण व छटनी बंद हो : दासगुप्त
आल इंडिया यूटीयूसी का जिला स्तरीय सम्मेलन रविवार को डेली मार्केट स्थित वर्कर्स एंड पीजेंट हाउस में आयोजित की गयी।
राउरकेला, जेएनएन। ऑल इंडिया यूटीयूसी का जिला स्तरीय सम्मेलन रविवार को डेली मार्केट स्थित वर्कर्स एंड पीजेंट हाउस में आयोजित की गयी। इसमें संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष शंकर दासगुप्त ने केंद्र सरकार की श्रमिक विरोध नीति की तीखी आलोचना की और कहा कि अब सरकारी को या गैर सरकारी। नौकरी की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने राष्ट्रीय उद्योगों में पूंजी विनिवेश, निजीकरण एवं छटनी बंद करने के लिए आंदोलन तेज करने का आह्वान किया।
जिला कमेटी के अध्यक्ष सत्यप्रिय महंती की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन में शंकर दासगुप्त ने कहा कि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा श्रमिकों का है पर ये कुछ पूंजीपतियों के अधीन है। जनता वोट देकर सरकार चुन रही है पर सरकार बदले में कुछ नहीं कर रही है। श्रमिक, खेतीहर व मजदूरों के हित में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इन्हें सुविधा देने के लिए बड़ी योजना नहीं बनायी जा रही है। स्थायी नौकरी के बजाय अब हर क्षेत्र में ठेके पर काम लिया जा रहा है एवं कर्मियों की छटनी की जा रही है।
लंबे समय से सरकारी संस्थाओं में अस्थायी कर्मी के रूप में कार्यरत श्रमिकों को भी स्थायी नहीं किया जा रहा है और न ही सामाजिक सुरक्षा ही दी जा रही है। इस मौके पर मुख्यवक्ता राज्य सचिव मंडली के सदस्य प्रह्लाद साहू ने कहा कि श्रमिकों को अधिकार दिलाने के लिए संगठन की ओर से बाद बार आंदोलन किया जा रहा है। 13 से 15 फरवरी तक झारखंड के धनबाद में अखिल भारतीय सम्मेलन होगा जिसमें आंदोलन की रणनीति को लेकर चर्चा की जाएगी। राउरकेला में आयोजित कार्यक्रम में संयंत्र के श्रमिक, आंगनबाड़ी कर्मी, रसोइया, निर्माण श्रमिक आदि शामिल हुए। इसमें अजीत नायक, अजय महंती, विष्णु पंडा समेत अन्य ने अपना विचार रखा।