छात्र-छात्राओं को सरकार मुहैया कराएगी जूते और पोशाक
शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में स्कूल को एक दफा भी खोला नहीं गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में, स्कूल को एक दफा भी खोला नहीं गया है। फिर भी, सरकार और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक छात्रों को मुफ्त कपड़े और जूते मिलेंगे। 26 जनवरी तक सभी सरकारी और सरकार द्वारा वित्त पोषित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक (कक्षा 1 से कक्षा 8) और हाइस्कूल (कक्षा 6 से 8) में अध्यनरत सभी छात्र, अनुसूचित जाति व जनजाति, गरीबी सीमा रेखा के नीचे व ऊपर रहने वाले सभी विद्यार्थी, राज्य अनुसूचित जाति व जनजाति विभाग के अधीन रहने वाले विद्यालयों के पहली से लेकर आठवीं क्षेणी के विद्यार्थी यह सुविधा पाएंगे। प्रति बच्चे 400 रुपये की लागत से दो जोड़ी कपड़े, 200 रुपये की लागत से एक जोड़ी जूते और दो मोजे प्रदान किए जाएंगे।
एक बार भी परिधान के रंग और रूप में कोई बदलाव नहीं होगा। सभी छात्रों को नीली पैंट और सफेद शर्ट दी जाएगी, पहले पांचवीं कक्षा की छात्राओं को नीली फ्रॉक और छठी से आठवीं कक्षा की छात्राओं को नीली कमीज और सफेद सलवार दी जाएगी। छात्रों को काले जूते और दो हलके सफेद मोजे दिए जाएंगे। जिन माध्यमिक स्कूलों में 8वीं या उससे कम कक्षाएं होंगी वहां यह लागू नहीं होगा। वहां के बच्चे अपने स्कूल के लिए तय निश्चित रंग की पोशाक पहनेंगे। प्रत्येक शर्ट, पैंट और फ्रॉक के कलर में 2021 का स्थायी टैग होगा। पोशाक और जूतों के रंग और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 26 जनवरी तक शिक्षाविद, गणमान्य व्यक्तियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की उपस्थिति में पोशाक का वितरण किया जाएगा।
स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी ) के सदस्य 5,000 रुपये या उससे कम कीमत के कपड़े वाले स्कूलों के लिए एक निश्चित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण सामान बेचने वाले दुकानदारों/वितरकों की खोज निकटतम बाजार से करेंगे। एसएमसी अधिवेशन में दुकानदारों / वितरकों के नाम प्रस्तावित किए जाएंगे और सदस्यों के अनुमोदन के साथ उचित मूल्य पर उचित आइटम आवंटित किए जाएंगे। 5,000 रुपये से अधिक मूल्य के कपड़ों/ जूतों के लिए, एसएमसी खुले बाजार से कपड़े/जूते खरीदने के लिए तीन अलग-अलग द्रव्य व सेवाकर पंजीकृत तीन वितरकों से कोटेशन लेंगे। एसएमसी की बैठक में उक्त कोटेशन का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद सबसे कम कीमत बोली को मंजूरी दी जाएगी।
सामग्री की राशि समिति के खाते में प्रदान की जाएगी और वे वितरण की जिम्मेदारी लेंगे। खरीद या निर्माण और वितरण में जिस तरह अखंडता, पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए डीईओ, डीपीसी, बीइओ, एबीइओ, सीआरसीसी पर नजर रखेगी। सबसे ठंडे महसूस करने वाले जिले के स्कूल में एक जोड़ी पोशाक के बदले एक भूरे रंग का स्वेटर दिया जा सकता है। हेडमास्टर अपने साथ एक जोड़ी पोशाक / जूता का नमूना रखेंगे। पोशाक के वितरण के बारे में सरकार द्वारा हर 15 दिनों में जानकारी दी जाएगी। डीईओ/डीपीसी इसके लिए डाटा एकत्र करेंगे। स्कूल में बच्चों की संख्या के अनुसार, एसएमसी की बैठक के प्रस्ताव के अनुसार, हर दिन कम संख्या में छात्रों के माता-पिता को बुलाया जाएगा और कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुसार पोशाक का वितरण किया जाएगा। यह पैसा 21 अक्टूबर को सभी जिलों को भेजा गया था। यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई बच्चा पोशाक/ जूतों से वंचित न रहे। राज्य सरकार ने कहा है कि वह घटिया सामान आपूर्ति करने वाले या इसमें धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करेगी।