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सरकारी हाईस्कूल रूपांतरण योजना में बड़ा घपला

ओडिशा सरकार की ओर से 5-टी कार्यक्रम में जिला खनिज कोष एवं ओडिशा खान क्षेत्रांचल विकास निगम की सहायता से प्रदेश के 277 हाईस्कूलों के रूपांतरण का काम किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 08:55 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 08:55 AM (IST)
सरकारी हाईस्कूल रूपांतरण योजना में बड़ा घपला
सरकारी हाईस्कूल रूपांतरण योजना में बड़ा घपला

जागरण संवाददाता, राउरकेला : ओडिशा सरकार की ओर से 5-टी कार्यक्रम में जिला खनिज कोष एवं ओडिशा खान क्षेत्रांचल विकास निगम की सहायता से प्रदेश के 277 हाईस्कूलों के रूपांतरण का काम किया जा रहा है। पहले चरण में 82 में से 67 स्कूलों का रूपांतरण का काम पूरा हो चुका है। करोड़ों रुपये की लागत पर रूपांतरित हाईस्कूल बाहर से चकाचक दिख रहे हैं पर अंदर से दीवार पुरानी एवं जहां तहां दरार पड़ी है। रंग उखड़ा हुआ है एवं फर्श पर लगाए गए टाइल्स टूटने लगे हैं। ठेकेदार व अधिकारियों की मिलीभगत में घटिया स्तर का काम हुआ है। ब्रांडेड सामग्री की जगह निम्न कोटि की सामग्री का इस्तेमाल कर लाखों रुपये की हेराफेरी की गई है।

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सुंदरगढ़ जिला के भवानीशंकर हाई स्कूल का रूपांतरण का काम किया गया है। इसी तरह पुलिस हाईस्कूल एवं उच्च प्राथमिक स्कूल का काम भी हुआ है। स्कूल के कई हिस्सों में बिना टूटी दीवारों की मरम्मत न कर रंग-रोगन कर दिया गया है। फर्श और बेसिन से जुड़ी कई टाइल्स टूट गई हैं। छत की मरम्मत नहीं होने के कारण हल्की बारिश में भी उससे पानी टपक रहा है। स्मार्ट बेंच और डेस्क देने की योजना थी पर यहां कई कमरों में पुरानी लोहे की बेंच है और बच्चे इसी पर पढ़ाई कर रहे हैं। मुख्य फाटक पर नाम मात्र का काउ केचर लगाया गया है। स्कूल के अंदर लावारिस मवेशी विचरण करते देखे जा सकते हैं। स्कूल के सामने ड्रेन को भरकर ऐसे ही छोड़ दिया गया। कमोवेश यही हाल पुलिस स्कूल व उच्च प्राथमिक विद्यालय का भी है। यहां शुरू से ही फटे टाइल्स लगाये जा रहे हैं। हाईस्कूल के पीछे की दीवार जर्जर है। इसे पूरा प्लास्टर करने के बजाय नाम मात्र का काम कराया गया है। जिला मुख्यालय में स्थित यह स्कूल जिस पर सभी अधिकारियों की नजर है, इसके बावजूद घटिया काम हो रहा है। इससे दूर दराज के स्कूलों में किस स्तर का काम हो रहा है इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। पूर्व छात्रों की ओर से इसकी जांच करने की मांग जिलापाल से की गई है।


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