एसबीआइ डिपोजिट मशीन में पैसे फंसे तो भगवान ही मालिक
जागरण संवाददाता, राउरकेला : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) की ओर से ग्राहकों की सुविधा के लिए शहर
जागरण संवाददाता, राउरकेला :
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) की ओर से ग्राहकों की सुविधा के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर एटीएम मशीन लगाने समेत कैश डिपोजिट मशीन भी लगाई गई है। जिससे ग्राहकों को इसका लाभ भी मिल रहा है। लेकिन एसबीआइ की डिपोजिट मशीन में रुपये जमा कराते समय तकनीकी खराबी के कारण पैसे फंसे तो फिर भगवान ही मालिक है।
सोमवार को कुछ ही ऐसे पीड़ित ग्राहकों ने बार-बार चक्कर काटने के बाद भी रुपये न मिलने पर सेक्टर-19 स्थित एसबीआइ की शाखा में बवाल काटा। जिस पर बैंक के कैश विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने विगत सात दिनों में जिन ग्राहकों को ऐसी असुविधा हुई है, उनका समाधान करने का भरोसा दिया है। लेकिन जो ग्राहक इस समस्या को लेकर विगत दो से ढाई महीने से बैक की दौड़ लगा रहे हैं, उनकी समस्या का समाधान होगा या नहीं, इस पर संशय बरकरार है।
सोमवार की सुबह एसबीआइ की सेक्टर-19 स्थित डिपोजिट मशीन में दो ग्राहकों ने रुपये डिपोजिट किया था। जिसमें पता चला कि रुपये मशीन में डालने के बाद भी उनके एकाउंट में नहीं पहुंचे हैं। जिससे इन दोनों ग्राहकों ने सेक्टर-19 शाखा में इसकी शिकायत करने पहुंचे तो पता चला कि केवल वे दोनों ही इसके भुक्त भोगी नहीं है, बल्कि ऐसे पीड़ित ग्राहकों की संख्या एक दर्जन से भी अधिक है। जो अपना रुपया वापस पाने के लिये दो से ढाई महीने से यहां चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें रुपये वापस नहीं मिले हैं। इन ग्राहकों ने इस समस्या का समाधान को लेकर संबद्ध अधिकारी के केबिन तक पहुंचे तो पता चला कि वे यहां नहीं है। जिससे कुछ देर इंतजार करने के बाद भी यह अधिकारी नहीं पहुंचे तो इन ग्राहकों का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने जबरन केबिन में घुसकर अपनी समस्या बताई तो कैश सेक्शन से जुड़े एक अधिकारी ने जिन लोगों को विगत सात दिनों में ऐसी असुविधा हुई है, उनके रुपये वापस मिलने का भरोसा दिया। लेकिन इन ग्राहकों में कई ग्राहक ऐसे हैं जो दो से ढाई महीने तक बैंक की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें कोई न कोई बहाना बनाकर टरकाया जा रहा है। सोमवार को यहां जिन पीड़ित ग्राहकों ने बवाल काटा, उन ग्राहकों में किसी का 6,800 रुपये, किसी को पांच हजार, किसी का तीन हजार तथा किसी ग्राहक का एक हजार रुपये डिपोजिट में फंसने के बाद अब वे अपनी रकम वापस लेने के लिए बैंक के चक्कर काट रहे हैं।