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आरएसपी टीम को क्लास-ए श्रेणी में विश्वकर्मा पुरस्कार

राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के कर्मचारियों की टीम ने वर्ष-2018 के अनुकरणीय निष्पादन के लिए पुरस्कार के सर्वोच्च क्लास-ए श्रेणी में विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर कंपनी का नाम रोशन किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 09:53 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 09:53 PM (IST)
आरएसपी टीम को क्लास-ए श्रेणी में विश्वकर्मा पुरस्कार
आरएसपी टीम को क्लास-ए श्रेणी में विश्वकर्मा पुरस्कार

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के कर्मचारियों की टीम ने वर्ष-2018 के अनुकरणीय निष्पादन के लिए पुरस्कार के सर्वोच्च क्लास-ए श्रेणी में विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर कंपनी का नाम रोशन किया है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है। मंत्रालय द्वारा पुरस्कार प्राप्त करने के लिए जिन विशिष्ट कर्मचारियों का चयन किया गया है, वे हैं मास्टर तकनीशियन, प्रकाश कुमार पात्र तथा वरिष्ठ तकनीशियन, संतोष बुखरा, रंजन कुमार दास और पार्थ सारथी जेना को क्लास-ए के तहत हॉट स्ट्रिप मिल-1 में किए गए कार्य के लिए दिया गया है। बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) और राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के निदेशक प्रभारी, अमरेंदु प्रकाश ने कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि संयंत्र को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। उन्होंने उन्हें अपने उद्यमशील प्रयासों को जारी रखने एवं इस्पात संयंत्र के लिए और भी गौरव लाने का आह्वान किया। विशेष रूप से, टीम ने हॉट स्ट्रिप मिल-1 में रीहीटिग फर्नेस-5 और 6 की फ्लू गैस में ऑक्सीजन प्रतिशत के ऑनलाइन विश्लेषण और निगरानी के लिए 2 नए ऑक्सीजन एनालाइ•ार को सफलतापूर्वक स्थापित और चालू किया। अभिनव हस्तक्षेप ने ऑक्सीकरण, स्केल उत्पादन, ईंधन की बर्बादी और ब्रेकडाउन की समस्याओं को दूर करने में मदद की जिससे मिल की उपलब्धता और उत्पादकता में वृद्धि हुई।

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उल्लेखनीय है कि हॉट रोल्ड कॉइल बनाने के लिए रोल करने से पहले एचएसएम-1 पर रिहीटिग फर्नेस-5 और 6 में कास्टर्स से प्राप्त स्लैब को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है। हीटिग प्रक्रिया में ग्रिप गैस में ऑक्सीजन की मात्रा 1-2 प्रतिशत की सीमा में बनी रहती है ताकि ऑक्सीकरण, पैमाने के गठन और ब्रेकडाउन को रोका जा सके। पुरानी प्रक्रिया में आक्सीजन प्रतिशत का निर्धारण प्रयोगशालाओं में रुक-रुक कर फ्लू गैस के नमूने एकत्रित करके किया जा रहा था। विश्लेषण के आधार पर फर्नेस के प्रत्येक क्षेत्र के लिए वायु-गैस अनुपात हवा और मिश्रित गैस के दहन को विनियमित करने के लिए निर्धारित किया जा रहा था। यह फ्लू गैस में ऑक्सीजन की एक विस्तृत विविधता का कारण बनता था जिसके परिणामस्वरूप ऑक्सीकरण और संबंधित समस्याएं होती थीं। यह प्रयास आरएसपी के कर्मचारियों की जन्मजात सृजनशील क्षमता को प्रदर्शित करता है, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतकर समय-समय पर अपनी योग्यता साबित की है।


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