Move to Jagran APP

पाइप प्लांट की क्वालिटी सर्कल टीम के प्रयासों से मिली सफलता

आरएसपी के पाइप प्लांट के फीनिक्स क्वालिटी सर्कल टीम के सदस्यों के उद्यमी प्रयासों से आंतरिक ट्रिमिग के द्वारा अनट्रिम्?ड पाइप के उत्पादन को लगाम लगाया जा सका । जिससे यूनिट के उत्पादन और उत्पादकता में काफी सुधार हुआ है। उल्?लेखनीय है कि आंतरिक ट्रिमिग पाइप बनाना सबसे महत्वपूर्ण और सबसे कठिन प्रक्रिया है। पाइप बनाने के अंतिम क्षण की प्रक्रिया में पाइप के आंतरिक बि?ड को ट्रिम ना किया जाए तो पूरी प्रक्रिय ही अधूरी रह जाती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 11:03 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 11:03 PM (IST)
पाइप प्लांट की क्वालिटी सर्कल टीम के प्रयासों से मिली सफलता
पाइप प्लांट की क्वालिटी सर्कल टीम के प्रयासों से मिली सफलता

जागरण संवाददाता, राउरकेला : आरएसपी के पाइप प्लांट के फीनिक्स क्वालिटी सर्कल टीम के सदस्यों के उद्यमी प्रयासों से आंतरिक ट्रिमिग के द्वारा अनट्रिम्ड पाइप के उत्पादन को लगाम लगाया जा सका। जिससे यूनिट के उत्पादन और उत्पादकता में काफी सुधार हुआ है। हाल ही में आयोजित चैप्टर लेवल सीसीक्यूसी सम्मेलन में टीम को उनके प्रयासों के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

loksabha election banner

आंतरिक ट्रिमिग पाइप बनाना सबसे महत्वपूर्ण और सबसे कठिन प्रक्रिया है। पाइप बनाने के अंतिम क्षण की प्रक्रिया में पाइप के आंतरिक बिड को ट्रिम ना किया जाए तो पूरी प्रक्रिया ही अधूरी रह जाती है। इसके लिए इम्पेडर की जरूरत होती है। इम्पेडर के हिस्से का बार-बार टूटना बाधा उत्पन्न कर रहा था। आंतरिक ट्रिमर विशेष रूप से 8 इंच व्यास में 2006 के आधुनिकीकरण के बाद से उत्पादन इकाई में एक बड़ी समस्या बन कर रह गई थी। इससे ईआरडब्ल्यू पाइप की उत्पादकता, गुणवत्ता, उपकरण स्वास्थ्य और स्वीकार्यता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था।

इस समस्या के कारण प्रति माह औसतन तीन घंटे उत्पादन में बाधा होती थी। जिसके कारण मासिक 44 लाख रुपये तक की हानि होती थी। टीम में शामिल वरिष्ठ ऑपरेटर एसके मिश्र के महाराणा, एसके दास, एसके पंडा और एम प्रधान ने समस्या के मूल कारण को खोजने की कोशिश की। यह पाया गया कि पाइप और इम्पेडर के बीच अपर्याप्त दूरी थी। उपकरण के ऊपर सामग्रियों का स्तर जमा हो रहा था। जिससे काफी समस्याएं पैदा होती थीं। टीम ने समस्या को दूर करने के लिए छोटी लंबाई के पाइप के बजाय लंबी लंबाई वाली कूलेंट पाइप का इस्तेमाल किया और आंतरिक तौर पर इम्पेडर की लंबाई की मशीनिग की गई। इस अभिनव कार्य से वांछित परिणाम प्राप्त हुआ और कंपनी के लिए पर्याप्त बचत हासिल हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.