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महिलाओं को समान अवसर देना प्रचलित प्रथा है : सीईओ

राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में वर्तमान परिपेक्ष्य में महिला कर्मचारियों को समान अवसर देना एक प्रचलित प्रथा बन गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 07:52 AM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 07:52 AM (IST)
महिलाओं को समान अवसर देना प्रचलित प्रथा है : सीईओ
महिलाओं को समान अवसर देना प्रचलित प्रथा है : सीईओ

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में वर्तमान परिपेक्ष्य में महिला कर्मचारियों को समान अवसर देना एक प्रचलित प्रथा बन गया है। देखा जाए तो आज की तारीख में 2 मुख्य महाप्रबंधक, 4 विभाग प्रमुख, 10 महाप्रबंधक और 18 अनुभाग प्रमुख महिलाएँ हैं। विशेषत: 113 महिला अधिकारी और 671 महिला कर्मचारी वर्तमान में इस्पात संयंत्र के विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं, जिसमें पारंपरिक पुरुष-प्रधान विभाग जैसे ब्लास्ट फर्नेस, कोक ओवन, स्टील मेल्टिग शॉप्स, फिनिशिग मिल्स शामिल हैं।

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आरएसपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक चट्टराज ने शुक्रवार को एचआर पहल उन्मुक्त के तहत आयोजित कार्यक्रम में महिला अधिकारियों के एक समूह के साथ विचार-विमर्श करते हुए कहा कि हम प्रणालियों और सुविधाओं में लगातार सुधार कर रहे हैं ताकि महिला कर्मियों को व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से आगे बढ़ने के लिए सही माहौल और अवसर प्रदान किया जा सके। हालांकि आपको भी आगे आकर अवसरों का लाभ उठाना होगा। बातचीत के दौरान सीईओ ने इस्पात संयंत्र के असाधारण भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि आज आरएसपी को सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले इस्पात संयंत्रों में से एक माना जाता है। हमने इस शिखर तक पहुंचने के लिए वास्तविक, व्यापक और समेकित प्रयास किए हैं और अब आवश्यकता हैं कि इस स्थिति को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा। इस सफलता में आप सभी का योगदान है और मुझे विश्वास है कि आप न केवल अपना सर्वश्रेष्ठ देना जारी रखेंगे बल्कि अपनी टीमों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

सत्र के दौरान, महिला कर्मचारियों ने संयंत्र और टाउनशिप में सामान्य सुधार के साथ-साथ आदर्श निजी जीवन कार्य संतुलन बनाए रखने के तहत महिला कर्मचारियों की विशिष्ट आवश्यकताओं से संबंधित विभिन्न विचारों और सुझावों को सामने रखा। सीईओ ने उन्हें लगभग सभी सुझावों पर सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, जिसमें क्रेच सुविधाओं को और बेहतर बनाने से लेकर गुरु-शिष्य योजना को मजबूत करने, कर्मचारी जुड़ाव प्रारूपों पर फिर से विचार करने और नई सीएसआर योजनाओं को शुरू करना शामिल था ।

उल्लेखनीय है कि दीपक चट्टराज के मार्गदर्शन में आरएसपी में कई महिला-कर्मचारी सशक्तीकरण हितैषी प्रयास किए गए हैं। उन्हें आत्मरक्षा कौशल से लैस करने के लिए एक पहल दुर्गा (डिफेंड योर सेल्फ फॉर ग्रेटर एडवांटेज) शुरू की गई थी, जबकि कार्यस्थल पर महिलाओं के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए लिग संवेदीकरण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था। महिला दिवस कार्यक्रमों को चिह्नित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें महिला कर्मचारियों को संबोधित करने और बातचीत करने के लिए सफल लक्ष्य प्राप्ति महिलाओं को आमंत्रित किया गया और महिला कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए ओजस्विनी नामक कार्यशाला भी आयोजित की गई। 2 महिला शौचालयों को पहले ही आधुनिक सुविधाओं में बदल दिया गया है, जबकि विभिन्न विभागों में 22 और महिला शौचालयो के आधुनिकीकरण का काम चल रहा है। महिला कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से तैयार स्वास्थ्य जागरूकता और जांच शिविर आयोजित करना प्रमुख कार्यक्रम है और यह संयंत्र के व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र का एक नियमित विशेषता है। संक्षेप में, सुरक्षा, नौकरी की सुरक्षा, समान अवसर और निजी जीवन-कार्य संतुलन जैसे पहलुओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करके राउरकेला इस्पात संयंत्र अपने महिला कर्मचारियों को एक संपूर्ण पैकेज प्रदान कर रहा है।


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