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भारतीय नौसेना को 7000 टन से अधिक स्टील की आपूर्ति

नौसेना दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना की वीरता और निडर सेवा का जश्न मनाते हुए राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) को इसके साथ लंबे समय से जुड़े होने पर गर्व है। इस्पात संयंत्र ने अब तक विभिन्न नौसैनिक अनुप्रयोगों में उपयोग के लिए उच्च गुणवत्ता विनिर्देशों का पालन करते हुए 7000 टन से अधिक आवश्यकतानुसार स्टील की आपूर्ति की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 08:24 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 08:24 AM (IST)
भारतीय नौसेना को 7000 टन से अधिक स्टील की आपूर्ति
भारतीय नौसेना को 7000 टन से अधिक स्टील की आपूर्ति

जागरण संवाददाता, राउरकेला : नौसेना दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना की वीरता और निडर सेवा का जश्न मनाते हुए राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) को इसके साथ लंबे समय से जुड़े होने पर गर्व है। इस्पात संयंत्र ने अब तक विभिन्न नौसैनिक अनुप्रयोगों में उपयोग के लिए उच्च गुणवत्ता विनिर्देशों का पालन करते हुए 7000 टन से अधिक आवश्यकतानुसार स्टील की आपूर्ति की है।

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उल्लेखनीय है कि, सतही जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण के लिए, उनके चल रहे कार्यक्रमों के लिए और मौजूदा जलयानों के रखरखाव के लिए, भारतीय नौसेना को विभिन्न ग्रेड के स्टील और संबंधित वेल्ड उपभोग्य सामग्रियों की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। कई मामलों में काफी छोटे आवश्यक मात्रा के कारण और कुछ देशों द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के कारण इन स्टील और उपभोग्य सामग्रियों के आयात और खरीद में कठिनाइयां आ रहीं थीं। इसलिए भारत में ही इन बेहतर गुणवत्ता वाले स्टील को विकसित करने का निर्णय लिया गया। रक्षा और नौसेना ग्रेड स्टील बनाने के लिए समर्पित आरएसपी का स्पेशल प्लेट प्लांट, अनुकूलित स्टील के नए ग्रेड विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है जो उच्च बैलिस्टिक प्रभाव को झेल सकता है। इन उच्च गुणवत्ता वाले स्टील को वर्षों के अनुसंधान, तकनीकी और प्रक्रिया संशोधनों के साथ-साथ परीक्षण के कई दौरों के पश्चात विकसित किया गया है।

इस्पात संयंत्र ने भारतीय नौसेना के विभिन्न प्रतिष्ठित परियोजनाओं के लिए विशेष ग्रेड उच्च तन्यता डीएमआर 249न् ग्रेड, कम कार्बन कम मिश्र धातु 249 बी ग्रेड और पनडुब्बी ग्रेड 249 -301-एबीएक्स स्टील की आपूर्ति की है। गौरतलब है कि डीएमआर 249-बी स्टील जो विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत के उड़ान डेक के लिए उपयोग किया जाता है उसमें 20-30 टन लड़ाकू विमान लैंडिग के बार-बार प्रभाव को लेने की क्षमता है। आइएनएस विक्रांत- पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, आइएनएस कमोर्ता - पहला स्वदेशी एंटी सबमरीन कार्वेट और आइएनएस विशाखापत्तनम - पहला स्वदेशी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है जिसमें राउरकेला इस्पात संयंत्र के स्टील का थोड़ा सा अंश जुड़ा है।


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