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घोषणा के छह साल बाद भी नहीं बन पाया राउरकेला पुलिस कमिश्नरेट

कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राउरकेला को पुलिस कमिश्नरेट बनाने की घोषणा के छह साल बीत जाने के बाद भी इस पर क्रियान्वयन नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 07:17 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 07:17 AM (IST)
घोषणा के छह साल बाद भी नहीं बन पाया राउरकेला पुलिस कमिश्नरेट
घोषणा के छह साल बाद भी नहीं बन पाया राउरकेला पुलिस कमिश्नरेट

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राउरकेला को पुलिस कमिश्नरेट बनाने की घोषणा के छह साल बीत जाने के बाद भी इस पर क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। इससे अपराध नियंत्रण के साथ साथ घटनाओं की त्वरित जांच व निपटारा संभव नहीं हो पा रहा है।

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राउरकेला पुलिस कमिश्नरेट के लिए राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2014 में घोषणा की गई थी। राउरकेला शहर सुंदरगढ़ जिले की सीमा क्षेत्र में है। यहां अपराध को लेकर पुलिस की मुश्किलें बढ़ी रहती हैं। खासकर पीएलएफआई, पहाड़ी चीता गैंग, नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का भी इलाके में प्रभाव है। झारखंड सीमा क्षेत्र में पीएलएफआइ की गतिविधि बढ़ने के चलते भी इसकी आवश्यकता पर बल दिया गया था। अपराध नियंत्रण के लिए पूर्व एसपी तथा वर्तमान अग्निशमन विभाग डीजी सत्यजीत महांती ने विभिन्न थाना क्षेत्र को भी राउरकेला पुलिस कमिश्नरेट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था।

वर्ष 2006 में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गोपाल नंद ने बणई अनुमंडल के आठ थाना क्षेत्र कोइड़ा, लहुणीपाड़ा, गुरुंडिया, केबलांग, महुलपादा, टिकायतपाली, गुरुंडिया व चांदीपोष थाना क्षेत्र को भी राउरकेला पुलिस जिले में शामिल किया था।

बाद में बिसरा एवं ब्राह्मणीतरंग थाना क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया। वर्ष 2010-11 में राउरकेला में छेंड थाना, महिला था एवं झीरपानी थाना की स्थापना की गई। अब राउरकेला पुलिस जिले में कुल 25 थाना क्षेत्र हैं। 2014 में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राउरकेला नगरपालिका को नगर निगम बनाने की घोषणा करने के साथ ही राउरकेला में भी पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था करने की घोषणा की थी। कटक व भुवनेश्वर की भांति करीब आठ लाख की आबादी वाले राउरकेला में पुलिस कमिश्नरेट की जरूरत है पर पुलिस कमिश्नरेट की तरह थानों में जो संसाधन होना चाहिए वह मौजूद नहीं है। एक ओर जहां राउरकेला इस्पात संयंत्र विश्व प्रसिद्ध है। वहीं 2023 में विश्व कप हाकी टूर्नामेंट का भी आयोजन होने वाला है। ऐसे में पुलिस को मजिस्ट्रेट की क्षमता देकर विभिन्न मामलों का निपटारा करने की क्षमता देने की जरूरत है। कमिश्नरेट बनने के बाद दक्ष अधिकारियों की नियुक्ति देकर इसे मजबूत बनाने की जरूरत होगी।


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