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यूटीयूसी ने श्रम कानून संशोधन का किया विरोध

केंद्र व राज्य सरकार की ओर से श्रम कानून में संशोधन कर 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम कराने के फैसले का आल इंडिया यूटीयूसी की ओर से विरोध किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 11:28 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 11:28 PM (IST)
यूटीयूसी ने श्रम कानून संशोधन का किया विरोध
यूटीयूसी ने श्रम कानून संशोधन का किया विरोध

जागरण संवाददाता, राउरकेला : केंद्र व राज्य सरकार की ओर से श्रम कानून में संशोधन कर 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम कराने के फैसले का आल इंडिया यूटीयूसी की ओर से विरोध किया गया। शनिवार को विरोध दिवस का पालन करते हुए एडीएम कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री व श्रम मंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा।

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यूटीयूसी की ओर से कहा गया है कि सरकार की ओर से श्रमिकों के अधिकारों का हनन करते हुए अब 8 घंटे की जगह बारह घंटे काम करने का निर्णय लिया गया है। कई राज्यों में इसे लागू भी किया गया है जिसका विरोध किया गया तथा इसे शीघ्र वापस लेने की मांग की गई। यूटीयूसी ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान काम बंद होने पर श्रमिकों का वेतन नहीं काटने एवं शीघ्र इसका भुगतान करने, प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा तथा उनके लिए रोजगार मुहैया कराने, परिवर्तित फैक्ट्री कानून को वापस लेने आदि मांग की है। प्रदर्शन में यूटीयूसी के जिला अध्यक्ष सत्यप्रिय महंती, अजीत नायक, अजय महांती, श्रीनिवास सेठी, विष्णु पंडा, सुभाष दंडपाट, धोबेइ बेहरा, बीरेन नायक, अलोक बेहरा, शेख इसलाम, गणेश्वर बेहरा, विजय साहू प्रमुख शामिल थे।


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