सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने बदला है पाला
सुंदरगढ़ जिले की राजनीति में ऐन चुनाव से पहले पाला बदल की र
जागरण संवाददाता, राउरकेला: सुंदरगढ़ जिले की राजनीति में ऐन चुनाव से पहले पाला बदल की राजनीति कोई नई बात नहीं है। प्रत्येक चुनावी वर्ष में अपने दल का टिकट न मिलने से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार या दूसरे दल का दामन थामने के साथ टिकट के जुगाड़ में जुटा जाता है या फिर बागी उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर जाता है।
सुंदरगढ़ जिले की सात विधानसभा में से राउरकेला, रघुनाथपाली व सुंदरगढ़ सदर सीट से चुनाव लड़ने वाले कुछ ऐसे उम्मीदवार भी हैं, जो कभी दूसरे दल में थे, लेकिन टिकट न मिलने से अब दूसरे दल का झंडा बुलंद करने के लिए मैदान में हैं। रघुनाथपाली सीट की बात करें तो ऐसे दलबदलू उम्मीदवारों में कांग्रेस के उम्मीदवार प्रशांत सेठी हैं, जिन्हें उनके पुराने दल बीजद ने उनके स्थान पर सुब्रत तरई को तवज्जो दे दिया तो वे पाला बदल कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। वैसा ही कुछ हाल सुंदरगढ़ सदर विधानसभा का है। यहां से दो बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे जोगेश कुमार सिंह ने हाथ झटककर बीजद का शंख ऐसा थामा कि अब बीजद के टिकट पर इस विधानसभा से लगातार तीसरी बार चुनाव मैदान में है। 2014 के विस चुनाव में जोगेश के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली बीजद की कुसुम टेटे को इतनी अखरी कि उन्होंने कमल थामकर भाजपा के टिकट पर जोगेश सिंह को चुनौती देने के लिए मैदान में हैं। वैसे राउरकेला विधानसभा की बात करें तो यहां तीन प्रमुख राजनीतिक दलों के तीन चेहरों में बीजद के शारदा नायक व भाजपा के निहार राय एक दशक पूर्व कांग्रेस का झंडा बुलंद कर चुके हैं। सन 2004 में कांग्रेस का टिकट न मिलने से तत्कालीन कांग्रेसी नेता शारदा प्रसाद नायक ने बीजद का दामन ऐसा थामा कि वे दो बार बीजद के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद अब बीजद के टिकट से ही लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में है। भाजपा के निहार राय की बात करें तो 2004 में कांग्रेस के टिकट पर वे चुनाव मैदान में थे। जबकि कांग्रेस के बीरेन सेनापति शुरू से ही कांग्रेस में रहे हैं।