भगवान दास के मौत के मामले की जांच कर रही ओडिशा पुलिस घुसी झारखंड सीमा
मुझे माओवादी कह रहे है तथा मेरा एनकाउंटर कर दिया जाएगा का ऑडियो वायरल होने के बाद ओडिशा पुलिस ने उत्तरप्रदेश के बरेली के रहने वाले भगवान की दास की मौत दुर्घटना से हुई है या फिर उसकी हत्या कर इसे दुर्घटना का रूप दिया गया है इसकी जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : मुझे माओवादी कह रहे है तथा मेरा एनकाउंटर कर दिया जाएगा का ऑडियो वायरल होने के बाद ओडिशा पुलिस ने उत्तरप्रदेश के बरेली के रहने वाले भगवान की दास की मौत दुर्घटना से हुई है या फिर उसकी हत्या कर इसे दुर्घटना का रूप दिया गया है, इसकी जांच शुरू कर दी है। तफ्तीश के क्रम में पुलिस ने मृतक के वाहन को तलाशने के लिए रविवार की रात था सोमवार की सुबह झारखंड सीमा का लांघ कर करीब चार किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले एनएच किनारे स्थित ढ़ाबे तथा लावारिश गाड़ी की तलाश की। पुलिस की ओर से झारखंड के सिमडेगा जिले के जलडेगा थाना अंतर्गत बांसजोर पुलिस चौकी के कचुपानी, खमनडांड, गिनीकेरा आदि अंचल का निरीक्षण किया था। लेकिन पुलिस को मृतक के गाड़ी के संबंध में किसी तरह का सुराग हाथ नहीं लग पाया है। इस दौरान पुलिस ने एनएच किनारे पड़ने वाले ढाबा वालों से भी मृतक की फोटो दिखाकर तथा किसी तरह का कोई लावारिश गाड़ी कई कहीं खड़े होने की जानकारी होने तफ्तीश की। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि मृतक किस कंपनी के अधीन ट्रक चालक का काम करता था। अखरी दफा उसने कौन से गाड़ी में कहा से क्या माल उठाया था। वह किस रास्ते कहा जाने के लिए कब निकला था। दुर्घटना में मरने से पहले उसकी लोकेशन क्या थी। बरहाल खुद सुंदरगढ़ की एसपी सागरिका कानूनगो इस मामले को संज्ञान में लेकर तफ्तीश की रिपोर्ट रोजाना देख रही है। पुलिस अब मृतक के परिवार वालों से भी पूछताछ करेगी। पुलिस यह पता लगाएगी कि मृतक ने कब अपने परिवार वालों को फोन कर बताया कि उसे नक्सली के आरोप में गिरफ्तार किया है तथा उसका एनकाउंटर किया जाएगा। उस दिन के साथ उसके मौत वाले दिन का मिलना किया जाएगा। ताकि इसके जरिए पुलिस यह पता लगा पाएगी कि अगर वह झारखंड में था तो किस पुलिस जिले या थाना क्षेत्र में था। बरहाल प्राथमिक जांच में पुलिस यही मान रही है कि वह जलडेगा थाना क्षेत्र में रहा होगा। यह क्षेत्र भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। क्या उसे पुलिस ने पकड़ा था या फिर पुलिस के भेष में वह नक्सलियों या अपराधियों के हाथ पड़ गया था। वह क्या लूट का शिकार हुआ है। ऐसे तमां सवालों के जवाब तभी पुलिस को मिल सकते है, जब मृतक के वाहन तथा मरने से पहले के मृतक के लोकेशन पुलिस को मिल सके। पुलिस मृतक के मोबाइल के जरिए भी उसकी लोकेशन को ट्रेस करने की तैयारी कर रही है।