पहली दिसंबर के बाद बगैर दस्तावेज वाहन चलाने वालों की खैर नहीं
केन्द्र सरकार की ओर से पहली सितंबर से नया मोटर वाहन कानून लागू कर दिया गया है जो ओडिशा में भी लागू है। वाहन मालिकों व चालकों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं होने के कारण इसे बनाने के लिए सरकार की ओर से तीन महीने का समय दिया गया था। इसके पूरा होते ही पहली दिसंबर से इसका कड़ाई से पालन किया जायेगा। राज्य के परिवहन व वाणिज्य मंत्री पद्मनाभ बेहरा ने यह स्पष्ट कर दिया है। दस्तावेज नहीं रखने वालों को अब जुर्माना भरना होगा।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : केंद्र सरकार की ओर से पहली सितंबर से नया मोटर वाहन कानून लागू कर दिया गया है जो ओडिशा में भी लागू है। वाहन मालिकों व चालकों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं होने के कारण इसे बनाने के लिए सरकार की ओर से तीन महीने का समय दिया गया था। इसके पूरा होते ही पहली दिसंबर से इसका कड़ाई से पालन किया जाएगा। राज्य के परिवहन व वाणिज्य मंत्री पद्मनाभ बेहरा ने यह स्पष्ट कर दिया है। दस्तावेज नहीं रखने वालों को अब जुर्माना भरना होगा।
ओडिशा में मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद भी सरकार की ओर से दस्तावेज तैयार करने के लिए तीन महीने की मोहलत दी गयी थी। इसकी अवधि 30 नवंबर को पूरी हो रही है। नये परिवहन कानून के अनुसार हर वाहन चालक के पास वाहन का पंजीकरण, प्रदूषण प्रमाणपत्र, बीमा, लाइसेंस, फिटनेस होना जरूरी है। इसके अलावा दो पहिया वाहन चालक को हेलमेट तथा चार पहिया से ऊपर वाले को सीट बेल्ट लगाना जरूरी होगा। ट्रैफिक नियमों का पालन भी करना होगा। शराब के नशे में वाहन चलाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। कानून का कड़ाई से पालन होने से लोगों को जुर्माना भरना होगा एवं उनपर कार्रवाई भी हो सकती है।
परिवहन विभाग तथा प्रशासन की ओर से ई-चालान तैयार करने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। अब पुलिस कर्मी तत्काल पैसे लेकर चालान नहीं काटेंगे बल्कि ई-चालान तैयार कर देंगे। वाहन मालिकों को कोर्ट जाकर जुर्माना की राशि देनी होगी। जिससे वाहन मालिकों की मुश्किलें और बढ़ जायेगी तथा नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है।
ई-चालान से नहीं बच पाएंगे वाहन मालिक:
ऑन स्पॉट किया जाने वाला चालान भी एक अवधि के बाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा कोर्ट भेज दिया जाता है। इसके बाद वाहन स्वामी को कोर्ट में जाकर ही जुर्माना जमा करना पड़ता है। ऑन स्पॉट चालान में वाहन चालक का पेपर जब्त होता है, लिहाजा उसे छुड़ाना संबंधित व्यक्ति की मजबूरी होती है। हांलाकि, यहां भी कुछ लोग ये सोचकर पेपर छोड़ देते हैं कि वह दूसरा पेपर बनवा लेंगे, जो कि संभव नहीं है। चालान या ऑन स्पॉट चालान नहीं भरता है, तो इसकी वसूली उसके वाहन बीमा से की जा सकती है। मतलब अगली बार जब आप बीमा कराएंगे तो हो सकता है, आपके पेंडिग चालान की रकम भी उसमें शामिल हो। इससे आपके वाहन की बीमा पॉलिसी मंहगी हो सकती है। अगर आपने वाहन का बीमा ही नहीं कराया तो कभी भी ट्रैफिक पुलिस पेपर चेकिग के दौरान आपका लंबा चालान काट सकती है। इतना ही नहीं अगर आपने उस बीच किसी को गाड़ी बेचने का प्रयास किया तब भी आप ऐसा नहीं कर सकेंगे, क्योंकि आप जब भी वाहन का बीमा कराएंगे, उसमें चालान की राशि जुड़ी होगी।