प्रकाश से भोजन में रसायनिक परिवर्तन के लिए ऊर्जा :कोइंग
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला के रसायन विज्ञान विभाग
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला के रसायन विज्ञान विभाग की ओर से शुक्रवार को फोटोक्रोमिक मॉलिक्यूलर एंड मटेरियल्स फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर' पर ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क (जियान) पाठ्यक्रम शुरू किया गया। रेगेन्सबर्ग विश्वविद्यालय के प्रो. बर्कहार्ड कोइंग ने इसका उद्घाटन किया और कहा कि प्रकाश पदार्थ में प्रवेश कर सकता है और रासायनिक परिवर्तनों के लिए ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
प्रो. बर्कहार्ड ने कहा कि विभिन्न तरंग दैर्ध्य के प्रकाश द्वारा अणुओं के प्रतिवर्ती आइसोमेराइजेशन एक अच्छी तरह से अध्ययन की गई घटना है, जिसने हाल ही में व्यापक अनुप्रयोगों को पाया। एनआइटी राउरकेला के बारे में उन्होंने कहा यहां बहुत सारे अवसर हैं, छात्र समुदाय को यह अवसर हासिल करना चाहिए। एनआइटी राउरकेला के निदेशक अनिमेष विश्वास ने इस पाठ्यक्रम की सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि इसके लिए रसायन विज्ञान विभाग के प्रयास की सराहना करनी चाहिए। इस अवसर पर एनआइटी के राउरकेला पाठ्यक्रम समन्वयक प्रो. शिशिर साहू ने कार्यक्रम के शानदार सफलता की कामना की। शुरुआत में प्रो. रूपम ¨डडा, रसायन विभाग के प्रमुख ने मेहमानों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। अंत में प्रो. देबयन सरकार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उल्लेखनीय है कि प्रो. बर्कहार्ड कोइंग केमिस्ट्री- ए यूरोपियन जर्नल 'और'यूरोपियन जर्नल ऑफ ऑर्गेनिक जर्नल' के संपादकीय बोर्ड के सदस्य जैसे कई प्रमुख पदों पर कार्यरत हैं। वह रसायन विज्ञान संकाय के डीन हैं एवं रसायन विज्ञान में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं।