डेढ़ दर्जन से अधिक डाक्टर कोरोना को मात देकर काम पर लौटे
राउरकेला सरकारी अस्पताल हाइटेक कोविड अस्पताल तथा राउरकेला सरकारी अस्पताल के दो दर्जन से अधिक चिकित्सक कोरोना से संक्रमित हुए थे।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला सरकारी अस्पताल, हाइटेक कोविड अस्पताल तथा राउरकेला सरकारी अस्पताल के दो दर्जन से अधिक चिकित्सक कोरोना से संक्रमित हुए थे। इसमें आरजीएच के एक तथा आइजीएच के चार चिकित्सकों की जान चली गई। वहीं, डेढ़ दर्जन से अधिक चिकित्सक कोरोना को मात देकर फिर से काम पर लौट आए हैं। कोरोना को मात देने वाले डा. सदाशिव स्वाईं ने बताया कि पॉजिटिव मरीज की मानसिकता पॉजिटिव हो तो इलाज कारगर होता है।
राउरकेला सरकारी अस्पताल सूत्रों के अनुसार, दस चिकित्सक ड्यूटी करते हुए कोरोना से संक्रमित हो गए थे। चिकित्सक एके दास कोरोना का शिकार हो गए। हाइटेक अस्पताल के आधा दर्जन चिकित्सक भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे एवं वे इसे मात दे चुके हैं। आधा दर्जन से अधिक चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव हुए थे जिनमें से तीन पूर्व चिकित्सक व एक प्रशिक्षु चिकित्सक की जान चली गई। आइजीएच के चिकित्सक डा नियति स्वाईं एवं डा. सदाशिव स्वाईं कोरोना को मात देकर काम पर लौट आए हैं।
वे बताते हैं कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मरीज को इससे लड़ने के लिए पॉजिटिव सोच रखने की जरूरत है। खास कर उम्रदराज लोगों को अधिक सावधान रहना चाहिए। सर्दी बुखार जैसे मामूली लक्षण दिखने पर भी इसकी जांच करा लेनी चाहिए ताकि देर होने से पहले इलाज शुरु हो जाए। कहा कि चिकित्सा की जानकारी न रखने वालों से दवा कभी नहीं लेनी चाहिए। उपयुक्त परामर्श लेकर ही दवा लेने से इसका लाभ होगा। संक्रमित मरीज के अवसादग्रस्त होने, भयभीत या मन को हल्का करना उचित नहीं है, इससे सामान्य लक्षण भी गंभीर हो सकता है। भीड़ से दूर रहने, ठंढ से बचने का सुझाव उन्होंने दिया। कहा कि लापरवाही बरतने वाले कोरोना को खुद आमंत्रित कर रहे हैं जो उनके लिए महंगा पड़ सकता है। डा. स्वाईं ने सतर्कता, शारीरिक दूरी व मास्क पहनने को ही कोरोना से बचाव का तरीका बताया है।