गोवा से पैर गंवाकर लौटे प्रवासी श्रमिक को मिला सहारा
रोजी रोटी के लिए गोवा गए सुंदरगढ़ जिले के टांगरपाली ब्लाक के भालूबहाल गांव निवासी मोहन लकड़ा दुर्घटना का शिकार हो गया था।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : रोजी रोटी के लिए गोवा गए सुंदरगढ़ जिले के टांगरपाली ब्लाक के भालूबहाल गांव निवासी मोहन लकड़ा दुर्घटना का शिकार हो गया था। इससे उसका एक पैर काटना पड़ा था। दिव्यांग होकर घर लौटने पर सुंदरगढ़ पुनर्वास केंद्र से उसके लिए कृत्रिम पैर बनाकर दिया गया। मोहन बैसाखी के बिना चल फिर नहीं सकता था पर कृत्रिम पैर मिलने पर वह अपना हर काम खुद करने में सक्षम है।
गोवा से पैर गंवाकर लौटने के बाद मोहन की सारी उम्मीदें टूट गई थी। वह अपने को बेसहारा समझने लगा था। पत्थर को चूर करने वाले की शक्ति क्षीण हो गई थी। एक पैर के भरोसे वह साधारण काम करना संभव नहीं होने के कारण उसकी पत्नी एवं बच्चे भी विचलित हो गए थे कि उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा। सेवाभावी संगठन सीआइआरटीडी के प्रमुख नवकिशोर मिश्र को इसकी सूचना मिलने पर वह उसके घर पहुंचकर सुंदरगढ़ सरकारी अस्पताल में खुले अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र में दिव्यांगों को मिलने वाले कृत्रिम अंग तथा सुविधाओं की जानकारी दी साथ उसे सुंदरगढ़ लाने का प्रबंध भी किया। यहां मोहन को बिना खर्च के कृत्रिम अंग एवं सुविधा मिली। अब वह अपने खेत में हल जोतने के साथ साथ धान की कटाई भी करने में सक्षम हो गया है।