हक के लिए श्रमिक संगठनों को एकजुट होकर करना होगा संघर्ष
इस्पात नगरी राउरकेला में विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से मई दिवस पर श्रमिकों के अधिकार एवं संघर्ष पर चर्चा की गई।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : इस्पात नगरी राउरकेला में विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से मई दिवस पर श्रमिकों के अधिकार एवं संघर्ष पर चर्चा की गई। संगठनों की ओर से कार्यालय परिसर में झंडोत्तोलन करने के साथ श्रमिकों के लंबे संघर्ष के बाद मिले अधिकार को अब सरकार की ओर से छीनने का प्रयास करने तथा श्रम कानून की जगह कोड लागू करने के प्रयास के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करने का ऐलान किया गया।
राउरकेला मजदूर सभा : सेक्टर-6 स्थित संगठन कार्यालय में यूनियन का झंडा फहराया गया। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष प्रभाकर चंपति राय ने कहा कि श्रमिक अपने जान की परवाह न कर समाज के लिए काम करते हैं। उनके लिए हमें गर्व है। घात प्रतिघात सहन कर श्रमिकों को अधिकार मिले हैं उन्हें अब छीनने का प्रयास किया जा रहा है। श्रमिकों के मौलिक अधिकारों को छीनने का प्रयास किया रहा है जिसके खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन के लिए संकल्पबद्ध होने का आह्वान उन्होंने किया। इस मौके पर उपाध्यक्ष पीतवास सेठी, सचिव राजेश बेहरा, कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्रनाथ आचार्य, उपाध्यक्ष कलाकार साहू, खगेन्द्र बेहरा, सह सचिव प्रमोद कुमार दास, प्रशांत कुमार तरइ, विनोद परीडा, केदार दास, डीएन बेहरा, विदेशी मूना, कृष्ण चंद्र राउत, भगवान बेहरा, कमल राय, शशिभूषण दास, मितत कुमार सामंत, परमेश्वर बेहरा, प्रेम कुमार शामिल थे।
राउरकेला कांटै्रक्टर वर्कर्स यूनियन : सीटू संबद्ध राउरकेला कांटै्रक्टर वर्कर्स यूनियन की ओर से सेक्टर-16 श्रमिक भवन में विश्व श्रमिक दिवस मनाया गया। इसमें श्रमिकों के संघर्ष तथा मई दिवस पर मिले अधिकारों को आठ घंटे काम का अधिकार तथा सुविधा पर प्रकाश डाला गया। लंबे संघर्ष के बाद मिले 44 श्रम कानून को खत्म कर सरकार की ओर से चार कोड बनाने के लिए कानून संशोधन किया गया है। देश भर के श्रमिकों ने इसका विरोध किया है। बिजली बिल, परिवहन कानून मे संशोधन का भी विरोध किया गया। कहा गया कि इससे श्रमिकों के अधिकार छिन जाएंगे। इस कानून को पूंजीपति व उद्योगपतियों के हित में बताकर इसका विरोध करने का आह्वान किया गया। इसमें उपाध्यक्ष श्रीमंत बेहरा, राजकिशोर प्रधान, देवानंद राउत, प्रमोद परीडा आदि लोगों ने अपने विचार रखे। दिवाकर महाराणा, लक्ष्मीधर नायक, पीके नायक, अरु दास, विनय बेउरिया शामिल थे।