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हम तो गुदगुदाने आए थे, आप ने गद्गद कर दिया

जागरण संवाददाता, राउरकेला : इस्पात नगरी राउरकेला के साहित्य व कविता प्रेमियों के लिए बुधवार की शाम द

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 05:39 PM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 05:39 PM (IST)
हम तो गुदगुदाने आए थे, आप ने गद्गद कर दिया
हम तो गुदगुदाने आए थे, आप ने गद्गद कर दिया

जागरण संवाददाता, राउरकेला : इस्पात नगरी राउरकेला के साहित्य व कविता प्रेमियों के लिए बुधवार की शाम दैनिक जागरण के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के नाम रही। कवि सम्मेलन स्थल भंज भजन ऐसे ही कविता एवं साहित्य प्रेमियों से खचाखच भरा रहा। इस सम्मेलन में कवियों के गीत व गजल से लेकर मुक्तक और हास्य-व्यंग्य पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। श्रोताओं से कविताओं पर मिले जोरदार रेस्पांस पर आमंत्रित कवि गण भी गद्गद रहे और जोश-खरोश के साथ एक से बढ़कर एक कविता सुनाकर समां बांध दिया। कविताओं के बीच-बीच में श्रोताओं के प्रति उनका आभार भी झलकता रहा मानो वे कहना चाह रहे हों कि हम तो गुदगुदाने आए थे, लेकिन ऐसे सुनने वाले श्रोता मिलें कि उनका दिल गद्गद कर दिया।

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कवि गजेंद्र सोलंकी के चिर-परिचित अंदाज में संचालित इस कवि सम्मेलन में कभी श्रोता मधुर आवाज की चाश्नी में लिपटे गीतों की महफिल में झूमते नजर आये तो कभी हास्य-व्यंग्य की कविता पर खुद को खिलखिलाकर हंसने से नहीं रोक पाये। साथ ही वीर रस के साथ सामाजिक व्यवस्था से लेकर राजनीतिक व्यवस्था पर कवियों के कटाक्ष ने श्रोताओं को झकझोरने का काम भी किया। इस सम्मेलन में संचालक गजेंद्र सोलंकी समेत कवि डॉ. सुरेश अवस्थी, डॉ. सुमन दुबे, डॉ. विष्णु सक्सेना और बलबीर ¨सह खिचड़ी की कविताओं ने श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। जिसमें सम्मेलन खत्म होने तक श्रोता अपनी-अपनी सीटों से चिपके रहे। वहीं सम्मेलन खत्म होने के बाद ऑडोटोरियम से निकलने के बाद भी कवि सम्मेलन सुनने से मिली मधुर मुस्कान श्रोताओं के चेहरों पर देखने को मिली।


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