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किसान विरोधी नीति के खिलाफ असरदार रहा भारत बंद

कृषक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर शुक्रवार को भारत बंद का सुंदरगढ़ जिले में वामपंथी संगठनों की ओर से समर्थन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 09:55 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 09:55 PM (IST)
किसान विरोधी नीति के खिलाफ असरदार रहा भारत बंद

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कृषक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर शुक्रवार को भारत बंद का सुंदरगढ़ जिले में वामपंथी संगठनों की ओर से समर्थन किया गया। माकपा, सीटू, भाकपा, एसयूसीआइ, एटीयूसी समेत अन्य संगठनों के सदस्यों ने जगह-जगह पिकेटिग कर दुकान-बाजार बंद कराए एवं पथावरोध करने के साथ स्टेशनों में ट्रेनों को रोक कर विरोध-प्रदर्शन किया गया। परिवहन, बैंक, व्यवसायिक, शैक्षणिक संस्थान, सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय बंद रहे।

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संयुक्त कृषक मोर्चा, संयुक्त ट्रेड यूनियनों की ओर से श्रम कानून की जगह लागू चार लेबर कोड को शीघ्र वापस लेने, तीन किसान विरोधी बिल को वापस लेने, बिजली बिल-2020 को वापस लेने, अत्यावश्यक सामग्री कानून को वापस लेने, महंगाई रोकने आदि मांगों को लेकर भारत बंद का समर्थन किया गया। सीटू व माकपा की ओर से पिकेटिग कर बिरसा चौक, मेन रोड समेत अन्य स्थानों पर दुकान-बाजार बंद कराये गए। रेलवे स्टेशन जाकर सुबह करीब साढ़े दस बजे दो मालगाड़ियों को रोका गया। सुंदरगढ़ मोटर कर्मचारी संघ एवं मिनी बस एसोसिएशन ने भी बंद का समर्थन करते हुए परिवहन ठप रखा। राउरकेला में सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विष्णु महंती, विमान माइती, राजकिशोर प्रधान, श्रीमंत बेहरा, बसंत नायक, बीपी महापात्र, प्रभात महंती, विश्वजीत माझी, परशुराम बेहरा, अक्षय महंतो, अरु महाराणा समेत अन्य लोगों ने नेतृत्व लिया। बणई विधायक लक्ष्मण मुंडा, प्रमोद सामल, प्रभात पंडा, अनिरुद्ध त्रिपाठी, आनंद मसी होरो, लालबहादुर महंतो, बादल बारिक, समीर नायक, कृष्ण बारिक की अगुवाई में बणई, राजामुंडा, रक्सी, बिमलागढ़ आदि क्षेत्रों में पथावरोध कर दुकान-बाजार बंद कराए गए। खदान श्रमिक भी बंद में शामिल होकर खनन व परिवहन ठप कराया। सीटू समर्थित सुंदरगढ़ इंडस्ट्रियल यूनियन के महासचिव जहांगीर अली एवं जजाति साहू की अगुवाई में वेदव्यास, कलुंगा व कुआरमुंडा क्षेत्र में बाइक रैली निकाली गई एवं एशियाटिक गैस के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया गया। इस दौरान सरकार के किसान व श्रमिक विरोधी नीति की आलोचना की गई। इस विरोध-प्रदर्शन में अशोक राय, अनिल साहू, डीपी दास, शुभेन्दु जेना, अजीत एक्का, संवित स्वाई, दिवाकर राव, रजनी बेहरा, सुरु हेम्ब्रम, भागीरथी नायक, प्रशांत नायक प्रमुख ने नेतृत्व लिया। केंद्रीय श्रमिक संगठन एआइयूटीयूसी एवं एआइटीसूसी की ओर से राउरकेला के श्रम कार्यालय, पीएफ, सेल्सटैक्स, आरटीओ कार्यालय एवं बैंक व एलआइसी कार्यालय में जाकर बंद कराया गया। इसमें जिला सचिव अजीत नायक, विष्णु पंडा, आलोक बेहरा, विजय साहू, सुभाष दंडपाट, संग्राम परीडा, एटक के क्षेत्र मोहन मसंत, पंचानन सूना आदि लोग शामिल थे।


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