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पंद्रह दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे परिजन

राउरकेला इस्पात संयंत्र के न्यू प्लेट मिल में पुष्पा इंटरप्राइजेज के अधीन कार्यरत वेल्डर 52 वर्षीय रायसेन मुर्मू की ड़्यूटी के दौरान हालत बिगड़ने व अस्पताल में मृत घोषित करने की घटना के 15 दिन बीत चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 06:44 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 06:44 AM (IST)
पंद्रह दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे परिजन
पंद्रह दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे परिजन

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र के न्यू प्लेट मिल में पुष्पा इंटरप्राइजेज के अधीन कार्यरत वेल्डर 52 वर्षीय रायसेन मुर्मू की ड़्यूटी के दौरान हालत बिगड़ने व अस्पताल में मृत घोषित करने की घटना के 15 दिन बीत चुके हैं। आरएसपी प्रबंधन व ठेका संस्था की ओर से आश्रितों को हक नहीं दिया जा रहा है। इस कारण शव आइजीएच के मॉर्ग में पड़ा हुआ है। बूढ़ी मां, दो मासूम बच्चों के साथ विधवा पत्नी आइजीएच, एडीएम कार्यालय का चक्कर काट रही हैं। सदमे में श्रमिक के बड़े भाई की जान चली गई।

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लाठीकटा थाना अंतर्गत हातीबंधा पंचायत के 52 वर्षीय रायसेन मरांडी 2005 से आरएसपी में ठेके पर वेल्डर के रूप में काम करते रहे थे। रायसेन के परिवार में 85 वर्षीय बूढ़ी मां, 36 वर्षीय पत्नी मालहो, दो नाबालिग बेटे 12 वर्षीय टिकराज एवं तीन वर्षीय लक्ष्मण, पांच साल की इकलौती बेटी हैं। बड़े भाई 70 वर्षीय छोटू मरांडी भाई की मौत का सदमा नहीं सह सका एवं इसी सप्ताह उसकी भी मौत हो गई। परिजनों के अनुसार 11 फरवरी को रायसेन सी शिफ्ट ड्यूटी पर आया था एवं हादसे का शिकार हो गया। ठेका संस्था के द्वारा एंबुलेंस के बजाय निजी वाहन से उसे आइजीएच लाया गया एवं वहां छोड़ कर निकल गए। 12 फरवरी की सुबह उन्हें इसकी जानकारी दी गई। जब वे आइजीएच में रायसेन की मौत होने की सूचना मिली। मौत के बाद मुआवजा व नौकरी के लिए न तो आरएसपी प्रबंधन और न ही ठेका संस्था के लोग सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को अतिरिक्त जिलापाल सम्मेलन कक्ष में इस समस्या के समाधान के लिए बैठक हुई। इसमें कांट्रैक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधि, एडीएम अबोली सुनील नरवाने, एसपी मुकेश कुमार भामो, डीएसपी असीम पंडा, आरएसपी के अधिकारी भी मौजूद थे। करीब आधे घंटे तक बातचीत चली। एसपी व एडीएम के वाल पर आरएसपी अधिकारी कुछ स्पष्ट नहीं बोल सके और बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। ठेका संस्था की ओर से पांच लाख रुपये मुआवजा देने का भरोसा दिया गया है पर आरएसपी अधिकारी स्थायी नियुक्ति देने पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। समस्या का समाधान नहीं होने के कारण परिजन आइजीएच मॉर्ग के समक्ष धरना जारी रखे हैं।


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