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राउरकेला में सौ करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा, अमित बेरीवाल व सुभाष स्वाई गिरफ्तार

सौ करोड़ के फर्जीवाड़े और टैक्स चोरी के मामले में स्टेट जीएसटी की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:24 AM (IST)
राउरकेला में सौ करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा, अमित बेरीवाल व सुभाष स्वाई गिरफ्तार
राउरकेला में सौ करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा, अमित बेरीवाल व सुभाष स्वाई गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सौ करोड़ के फर्जीवाड़े और टैक्स चोरी के मामले में स्टेट जीएसटी की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जो फर्जी कंपनी बनाने और फर्जी रसीदें तैयार करने वाले रैकेट का मुख्य हिस्सा है। सिविल टाउन निवासी अमित उर्फ सोनू बेरीवाल व बासंती कॉलोनी निवासी सुभाष स्वाई को जीएसटी एक्ट की धारा-132 के तहत बुधवार की रात गिरफ्तार कर गुरुवार को टीम अपने साथ कटक ले गई। आरोपितों में मुख्य सोनू बताया गया है जो मूलरूप से संबलपुर का निवासी है। इसका परिवार राइस मिल चलाता था। बाद में सोनू यहां आकर स्पंज आयरन का कारोबार करने लगा और कई फर्जी कंपनी खोलकर शहर के बड़े उद्यमियों को फर्जी बिल मुहैया कराने का आरोप है। जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट जनरेट कर करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी की गई है।

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15 से अधिक फर्मे पायी गई फर्जी : सूत्रों की माने तो जीएसटी टीम को जांच में 15 से अधिक फर्म फर्जी होने का पता चला है। जो राउरकेला, रायपुर व यूपी में रजिस्टर्ड है। सोनू व सुभाष ने अपने अलावा अन्य के मोबाइल नंबर तथा ई-मेल आइडी के इस्तेमाल से करीब 15 फर्जी फर्मों का जीएसटी पंजीकरण कराया। इन्हीं फर्मो के जरिये फर्जी रसीदों का इस्तेमाल करते हुए 500 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी व बिक्री की। कोई कर अदा नहीं किया। लेकिन इनपुट क्रेडिट टैक्स का लाभ उठाया। सोनू व सुभाष ने बेरोजगार युवाओं के नामों पर यह फर्जी कंपनियां बनाईं हुई है। जिनके फर्जी बिलों की जांच करने के बाद विभाग ने शहर की कुछ फर्मों को समन जारी कर तलब किया था और उनके बयान दर्ज किए थे।

अधिकांश फर्मे की जा चुकी है बंद : जीएसटी चोरी के मकसद से कुछ समय तक चलाए जाने के बाद इनमें से अधिकांश फर्मे बंद कर दी गईं। इन फर्मों की आड़ में बोगस कारोबार, जाली इनवाइस और फर्जी ई-वे बिलों के आधार पर न केवल जीएसटी की चोरी की जा रही थी बल्कि जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट भी हासिल किया गया था। स्पंज आयरन और अन्य वस्तुओं के कारोबार के नाम पर करीब 11 महीने से चल रहे इस फर्जीवाड़े में सोनू व सुभाष के साथ कम से कम पांच उद्यमियों के शामिल होने की बात सामने आई है। विभाग इन उद्योगपतियों की पहचान करने के बाद उनकी जन्मकुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। चर्चा है कि इस मामले में स्थानीय जीएसटी की टीम एक दफा सोनू के घर पर दविश दे चुकी है।


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