Move to Jagran APP

Odisha: कॉलेज छात्र व ठेका मजदूर के नाम से बैंक में फर्जी खाता खोलकर 42 करोड़ की ठगी

Fraud In Odisha ओडिशा में फर्जी अकाउंट के जरिए जीएसटी ठगी के मामलों का लगातार खुलासा हो रहा है। बैंक में फर्जी अकाउंट खोलकर ठगों द्वारा करोड़ों रुपये की जीएसटी ठगी की गई है। मामले की जांच जारी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 03:53 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:22 PM (IST)
Odisha: कॉलेज छात्र व ठेका मजदूर के नाम से बैंक में फर्जी खाता खोलकर 42 करोड़ की ठगी
: कॉलेज छात्र व ठेका मजदूर के नाम से बैंक में फर्जी खाता खोलकर 42 करोड़ की ठगी।

जागरण संवाददाता, राउरकेला। Fraud In Odisha: अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के फर्जी अकाउंट के जरिए जीएसटी ठगी के मामलों का लगातार खुलासा हो रहा है। बैंक में फर्जी अकाउंट खोलकर ठगों द्वारा करोड़ों रुपये की जीएसटी ठगी की गई है। केवल ठेका मजदूर जामिनीकांत नायक या विश्वजीत टांडिया ही इसके शिकार नहीं हुए हैं। बल्कि काफी संख्या में मजदूर, विद्यार्थी, रिक्शा चालक, सब्जी विक्रेता, फल विक्रेताओं के जाली प्रमाण पत्रों के जरिए सैकड़ों अकाउंट खोले गए हैं। वर्तमान शहर के एक कॉलेज छात्र व आरएसपी के ठेका मजदूर के नाम पर अर्बन बैंक में अकाउंट खोलकर फर्जी कंपनी के जरिए करीब 42 करोड़ की जीएसटी ठगी की गई है। इस मामले के सामने आने के बाद फिर से बैंक प्रबंधन के कार्यकलापों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। बसंती कॉलोनी की एक बस्ती अंचल में रहने वाले कॉलेज छात्र सौम्यजीत स्वाईं के नाम पर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में अकाउंट खोल कर गणपति ट्रेडर्स नामक एक कंपनी की स्थापना करने के साथ-साथ ठगों ने 2017-19 के बीच 12.55 लाख रुपये की जीएसटी ठगी कर ली।

loksabha election banner

ठेका मजदूर के नाम पर 30 करोड़ की ठगी

इसी तरह उक्त बस्ती में रहने वाले आरएसपी के ठेका मजदूर शारदा प्रसन्न स्वाईं के नाम पर भी इसी तरह अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में एक खाता खोला गया तथा वासुदेव मिनरल्स के नाम पर फर्जी कंपनी तैयार कर दो साल के भीतर 30 करोड़ की जीएसटी ठग ली गई है, जबकि वास्तव में सोम्यजीत व शारदा को यह जानकारी तक नहीं थी कि उनके नाम पर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में एक करंट अकाउंट है। उसके जरिए करोड़ों रुपये का ट्रांजैक्शन किया जा रहा है। जीएसटी विभाग के छानबीन के बाद इनके नाम पर राशि हेरफेर करने की बात सामने आई थी। विभाग ने दोनों को समन जारी किया। जिसके बाद दोनों जीएसटी अधिकारियों के समक्ष पेश हुए। उन्होंने बताया था कि वे अपने जीवन में कभी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक ना तो गए हैं और ना ही अकाउंट खोल कर उसके जरिए पैसों का कारोबार किए हैं। बाद में दोनों के दस्तखत का मिलान अकाउंट खोलने के समय किए गए दस्तखत से कराया गया था, जो मैच नहीं खाए थे।

कोर्ट एफिडेविट में ठगों ने किया जाली दस्तखत

खाता खोलने के लिए दिए गए कोर्ट एफिडेविट में भी किए गए हस्ताक्षर व दर्ज मोबाइल नंबर भी मैच नहीं खा रहे थे। यह मामला अभी भी विचाराधीन है। यह साफ नहीं हो पाया है कि इन दोनों के नाम से करोड़ों रुपये के जीएसटी ठगने वाला ठग आखिर कौन है। इसके कारण शारदा व सौम्यजीत को निर्दोष नहीं किया किया जा सका है। फलस्वरूप दोनों लोग अभी भी आरोप मुक्त हो पाएंगे या नहीं, इसी अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि इनके नाम से खोले गए दोनों अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है। अकाउंट फ्रीज करना केवल औपचारिकता मात्र है। क्योंकि अकाउंट में मौजूद करोड़ों रुपये ठगों ने पहले ही उठा दिए हैं। अकाउंट में वर्तमान दो से तीन हजार रुपये ही पड़े हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.