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आर्थिक मंदी से दोपहिया वाहन की बिक्री में गिरावट

देश भर में चल रहे आर्थिक मंदी का असर इस्पात नगरी राउरकेला

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 11:02 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 06:39 AM (IST)
आर्थिक मंदी से दोपहिया वाहन की बिक्री में गिरावट
आर्थिक मंदी से दोपहिया वाहन की बिक्री में गिरावट

जागरण संवाददाता, राउरकेला : देश भर में चल रहे आर्थिक मंदी का असर इस्पात नगरी राउरकेला के छोटे वाहन व दोपहिया वाहनों की बिक्री पर भी पड़ा है। इस साल बिक्री में 20 से 30 फीसद की कमी आयी है। मानसून के बाद पूजा के सीजन में कुछ तेजी आने की उम्मीद है। सरकार की ओर से विभिन्न टैक्स में बढ़ोतरी, इलेट्रॉनिक्स वाहनों को प्रोत्साहन, वाहन नीति इसका मुख्य कारण है। इससे उत्पादक के साथ साथ डीलर एवं विक्रेताओं का कारोबार घटा है एवं ये मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। कंपनी की ओर से डीलरों को माग से अधिक वाहन भेजे जा रहे हैं। जिस कारण स्टॉक बढ़ रहा है एवं पूंजी फंसती जा रही है।

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भारत सरकार की ओर से पहले बीएस-2 से बीस-3 किया गया। अब बीएस-6 कर दिया गया। इससे मॉडल बदलने के साथ मैन्यूफैक्चर के पास बनी सामग्री बेकार होने लगी। ऐसे में वाहन कंपनी जल्दी में वाहनों की सप्लाइ बढ़ा दी गयी। माग नहीं होने के बावजूद डीलरों को अधिक संख्या में वाहन दे दिए गए। अब स्टॉक इतना बढ़ गया है कि उन्हें खाली करना मुश्किल हो रहा है। सरकार की ओर से इलेक्ट्रानिक्स वाहनों को सब्सिडी के साथ साथ टैक्स में छूट दी जा रही है जबकि पेट्रोल और डीजल वाहनों पर टैक्स लगातार बढ़ता जा रहा है। इंश्योरेंस, रोड टैक्स पहले कम था अब एक साथ पाच साल का टैक्स लगने के कारण वाहनों का दाम पाच से आठ हजार तक अधिक हो गया जिससे महंगाई बढ़ गयी है।

राउरकेला बाजार लौह उद्योग पर निर्भर करता है। शहर के अधिकतर उद्योग बंद हो चुके हैं जिस कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। पढ़ाई पूरी करने के बाद विद्यार्थी काम की तलाश में बाहर जाने लगे हैं जिस कारण बाइक व अन्य हल्की वाहनों की बिक्री कम हुई है। बंद हो रहे उद्योगों को सरकार की ओर से सुविधायें नहीं दी जा रही है जिस कारण उनकी हालत दयनीय है। बाजार में रुपये का फ्लो भी कम हो गया है जिसका असर बाजार पर पड़ रहा है एवं वाहनों की बिक्री में गिरावट आयी है। तीन महीने में वाहनों की बिक्री में अधिक गिरावट आयी है। पूजा के मौसम में बिक्री में थोड़ी तेजी आने की उम्मीद है। बिक्री

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बाइक व स्कूटी अधिकतर युवा व विद्यार्थी ही लेते हैं। राउरकेला में संयंत्रों के बंद होने के कारण युवा काम की तलाश में बाहर जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी बनने के बाद भी शहर के बाजार में जिस तरह की तेजी एवं विस्तार होना चाहिए वह नहीं आ पाया है। उद्योगों व व्यवसायियों को भी जो प्रोत्साहन मिलना चाहिए वह सरकार की ओर से नहीं मिल पा रहा है। यदि यही हाल रहा तो धीरे- धीरे बाजार का कारोबार और कम जो जाएगा।

- पद्मिनी, पाणीग्राही, डायरेक्टर, कोशल होंडा।

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सरकार की आर्थिक नीति के कारण वाहन का कारोबार में गिरावट आ रही है। सरकार को इलेक्ट्रानिक्स वाहनों को प्रोत्साहन दी जा रही है जबकि पेट्रोल व डीजल इंजन वाले वाहनों पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाए जा रहे हैं। जिस कारण कंपनी के साथ डीलर भी प्रभावित हो रहे हैं। वाहनों के महंगा होने तथा लोगों के पास पहले जैसा पैसा नहीं आने के कारण बाजार की स्थिति ठीक नहीं है। आर्थिक नीति में बदलाव की जरूरत है।

- निशान्त कुमार, ओनर, सिन्हा सुजुकी।

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आर्थिक मंदी का असर छोटे वाहनों पर अधिक नहीं पड़ा है। बड़े वाहनों के कारोबार अधिक प्रभावित हुआ है। छोटे वाहन कम आय वर्ग वाले लोग ही अधिक ले रहे हैं। इनकी जरूरत अब बढ़ रही है। नए मॉडल एवं नए वाहनों के आने से ये महंगे हो रहे हैं। वाहन निर्माण में लागत अधिक होने के साथ सुविधा भी अधिक मिल रही है। हर साल मानसून के सीजन में बिक्री कम होती है। पूजा में बाजार ठीक होने की उम्मीद है।

- विकास प्रसाद, महिन्द्रा, टू व्हीलर।

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राउरकेला बाजर में बाइक की बिक्री 25 से 30 फीसद कम हुई है। पिछले एक साल से यह गिरावट आयी है और यह अब तक चल रहा है। सरकार की ओर से आर्थिक नीति में बदलाव, जीएसटी बढ़ाकर 28 फीसद करने, एक साथ पाच साल का इंश्योरेंस लेने, आरटीओ का टैक्स भी बढ़ा दिए जाने के कारण वाहन महंगे हो गए हैं। वाहनों का उत्पादन बढ़ा है पर बिक्री घटी है। पूजा में फ्लो बढ़ने की उम्मीद है।

- नटवर बंसल, हर्सल होंडा।


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