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इएसआई अस्पताल बस नाम का माडल

पश्चिम ओडिशा के 10 जिलों के करीब दो लाख से अधिक मजदूरों के मॉडल ईएसआइ अस्पताल राउरकेला में सुविधाओं का टोटा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 07:08 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 07:08 PM (IST)
इएसआई अस्पताल बस नाम का माडल
इएसआई अस्पताल बस नाम का माडल

जागरण संवाददाता, राउरकेला : पश्चिम ओडिशा के 10 जिलों के करीब दो लाख से अधिक मजदूरों के मॉडल ईएसआइ अस्पताल, राउरकेला में सुविधाओं का टोटा है। वर्ष 2003 में यह अस्पताल खुलने के बाद 2007 में यह 50 बेड वाला अस्पताल बन गया। वर्ष 2015 में फिर से बेडों की संख्या बढ़ाकर 75 कर दी गई। इसी अनुरूप डॉक्टर समेत कर्मचारियों के 145 पद सृजित किए गए। लेकिन विडंबना यह है कि इनमें से 84 पद खाली पड़े हैं। जोकि मजदूरों की चिकित्सा व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। डॉक्टर व कर्मचारियों के अभाव के कारण यह अस्पताल अब रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है। अधिकतर मरीजों का अस्पताल से अनुबंधित जिले तथा राज्य के 24 अस्पतालों में रेफर किए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। जो गरीब मजदूरों के लिए परेशानी का सबब है। उधर, 2003 में जब अस्पताल खुला था। उस समय इसकी जो स्थिति थी अबतक वही बनी हुई है। डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, डेंटल, टेक्नीशियन आदि के 84 पद खाली पड़े हुए हैं।

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अस्पताल के अधीक्षक का पद भी खाली : अस्पताल के अधीक्षक का पद भी खाली पड़ा हुआ है। अस्पताल के लिए 13 डॉक्टर की जरूरत है, लेकिन 6 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं। विभिन्न विभाग के सात डॉक्टरों के पद भी रिक्त पड़े हुए हैं। 29 जीडीएमओ की जरूरत है। इनमें 11 पद खाली पड़े हुए हैं तथा जिन 18 पदों में जीडीएम की नियुक्ति हुई है वे लोग पढ़ाई के लिए छुट्टी पर है। वे कब तक योगदान देंगे इसकी कोई भी सटीक जानकारी नहीं है। पांच सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर की जरूरत है। लेकिन एक भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। तीन एएनएम (सरकारी नर्सिंग सिस्टर) में से एक का पद खाली पड़ा हुआ है तथा दो कार्यरत है। 33 स्टाफ नर्स की जरूरत है, लेकिन 22 ही काम कर रहे हैं तथा 11 स्टाफ नर्स का पद खाली पड़ा हुआ है। 14 नर्सिंग सिस्टर की जरूरत है केवल 8 ही कार्यरत है तथा 6 पद खाली पड़े हुए हैं। सात फार्मासिस्ट के पदों में से चार ही काम कर रहे हैं तथा 3 पद खाली पड़े हुए हैं। कुक-मेट के 9 पदों में से 8 पद खाली पड़े हुए हैं एक पद पर ही कर्मचारी नियुक्त है। 30 नर्सिंग अर्डलरी की जरूरत है, लेकिन इसके 17 पद खाली पड़े हुए हैं तथा13 ही कार्यरत है। एक डेंटल टेक्नीशियन की जरूरत है लेकिन वह पद भी खाली पड़ा हुआ है। सालों से यह सभी पद खाली पड़े हुए हैं।

रोजाना भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या एक से दो : अस्पताल प्रबंधन की ओर से इसे लेकर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण मजदूर वर्ग में इसे लेकर तीव्र प्रतिक्रिया देखी जा रही है। उधर, डॉक्टर कर्मचारी के अभाव से अस्पताल में भर्ती होने के लिए बीमार तैयार नहीं है। जो कुछ लोग अस्पताल में चिकित्सा के लिए आते हैं उन्हें राउरकेला समेत कटक, भुवनेश्वर के विभिन्न निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। फल स्वरूप ईएसआई अस्पताल के साथ अनुबंधित निजी अस्पताल खुले आम उन्हें लूट रहे हैं। इस बाबत ईएसआइ लाखों रुपये खर्च भी कर रही है। मार्च माह में 10, अप्रैल में 44, मई में 79, जून में 93, जुलाई में 61, अगस्त में 96 रोगी ही इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे। इस हिसाब से प्रतिमाह रोजाना अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या एक से दो ही रही है। जबकि इस बीच 624 रोगियों को निजी अस्पताल में रेफर किया गया है। आउटडोर में 17,331 रोगी देखी गए।


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