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अब नहीं होगी पानी की किल्लत, जानें कैसे सहेजी जा रही है पानी की एक-एक बूंद

पानी बचाना अब किसी चूनौती से कम नहीं है इसलिए जल संरक्षण से लेकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 12:47 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 12:47 PM (IST)
अब नहीं होगी पानी की किल्लत, जानें कैसे सहेजी जा रही है पानी की एक-एक बूंद
अब नहीं होगी पानी की किल्लत, जानें कैसे सहेजी जा रही है पानी की एक-एक बूंद

राउरकेला, जगन्नाथ महतो। देश भर में विगत कई वर्षाें से पानी की किल्लत देखी जा रही है। बारिश के दिनों में भी कई अंचलों में सूखा पड़ने की आशंका इस बार भी सुर्खियों में है। पानी की कमी की मार पश्चिम ओडिशा के संबलपुर, सुंदरगढ़ व झारसुगुड़ा समेत आसपास के जिलों में देखी जा रही है। जिससे जल  संरक्षण वक्त की मांग बनती जा रही है। पानी बचाना किसी चुनौती से कम नहीं रहा है। इसके लिए जल संरक्षण से लेकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोगों को जागरूक करने समेत इस दिशा में कॉरपोरेट जगत द्वारा भी काम किया जा रहा है। राउरकेला स्टील प्लांट की ओर से इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाई जा रही है ।

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एक-एक बूंद सहेजने का प्रयास 

प्रत्येक वर्ष रिंगरोड पर बारिश का पानी बहकर बर्बाद हो जाता है। ऐसे में अब जल संरक्षण के लिए बारिश की एक-एक बूंद को सहेजने की पहल शुरू की गयी है। इसके लिए रिंगरोड के सेक्टर-18 चौक के पास सहेज लो हर बूंद की तर्ज पर बारिश का पानी संग्रह करने का प्रयास किया जा रहा है।

 

जल स्तर बढ़ाने की मुहिम

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के तहत बारिश का पानी बचाकर भूतल स्तर किस प्रकार बढ़ाया जा सकेगा। इस पर काम किया जा रहा है। इसके सेक्टर-18 चौक के पास रिंगरोड से नीचे जमीन पर बारिश का पानी जमा करने की व्यवस्था की गयी है। ताकि भूतल जल स्तर को बढ़ाया जा सके। 

 दोनों ओर से बारिश का पानी लाने पर जोर

इस प्रक्रिया के तहत इस चौक के पास रिंगरोड  के दोनों ओर से बारिश में बह जाने वाले पानी को बचाकर उक्त स्थान तक लाया जा रहा है, जहां पर यह पानी रोकने की व्यवस्था की गयी है। ताकि वहां पर यह पानी जमा रहने से भूतल जल स्तर को बढ़ाया जा सके। 

डिवाइडर व किनारे लगाया गया है पाइप

बारिश के पानी को भूतल जल स्तर बढ़ाने के स्थल तक लाने के लिए  रिंगरोड के डिवाइडर तथा अन्य छोर पर दो पाइप लगाए गए हैं। बरसात के समय रिंगरोड का पानी इन दोनों पाइप के जरिये वहां तक पहुंचता है जहां पर जमीन में जल का स्तर बढ़ाने के लिए इस पानी को रोका जाता है।

पानी को रोकने के लिए बालू का इस्तेमाल

इन दोनों पाइप के माध्यम से बारिश का पानी बहकर जहां तक पहुंचता है। वहां बालू बिछाया गया है ताकि बारिश का पानी वहां से बहकर निकलने के बजाय वहीं जमा रहे ताकि भूजल स्तर बढ़ सके। नजदीकी नाले में भी है सुविधा जिस स्थान में बारिश के पानी को बचाकर भू जल स्तर बढ़ाने की व्यवस्था की गई है। वहीं पर एक नाला है। इसमें में भी बारिश का पानी रोकने की व्यवस्था की गयी है। ताकि यहां पर रुका पानी भी जमीन के नीचे जल का स्तर बढ़ाने के काम आ सके। 

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