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सुंदरगढ़ जिले में शिक्षा व्यवस्था चरमरायी, 787 पद रिक्त

सुंदरगढ़ जिले में हर साल मैट्रिक की परीक्षा के बाद गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की बात की जाती है पर विद्यार्थियों की तुलना में शिक्षकों की संख्या पर विचार नहीं होता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 08:59 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 08:59 AM (IST)
सुंदरगढ़ जिले में शिक्षा व्यवस्था चरमरायी, 787 पद रिक्त
सुंदरगढ़ जिले में शिक्षा व्यवस्था चरमरायी, 787 पद रिक्त

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले में हर साल मैट्रिक की परीक्षा के बाद गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की बात की जाती है पर विद्यार्थियों की तुलना में शिक्षकों की संख्या पर विचार नहीं होता है। मो स्कूल अभियान के जरिए स्कूल का विकास का काम किया जा रहा है। आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले में आठवीं से दसवीं कक्षा तक के स्कूलों में स्थिति काफी संगीन है। जिले के हाईस्कूलों में 1 हजार 888 शिक्षक पद हैं जबकि 1 हजार 101 शिक्षक काम कर रहे हैं। सभी स्कूलों में एक एक विज्ञान व गणित के शिक्षक होना चाहिए पर ऐसा नहीं है। कला के शिक्षक गणित पढ़ा रहे हैं तो कहीं अंग्रेजी के शिक्षक विज्ञान पढ़ा रहे हैं। जिले में गणित शिक्षकों की संख्या 266 चाहिए पर 164 कार्यरत हैं। विज्ञान शिक्षक पद 243 है जबकि 136 कार्यरत हैं। अन्य विषयों के शिक्षक पदों की हालत भी ऐसी है।

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सुंदरगढ़ जिले में प्रत्येक ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, प्रमुख सरकारी हाईस्कूल में ओईएस-2 स्तर के प्रधानाध्यापक एवं 17 ओइएस-1 स्तर के प्रधानाध्यापक की आवश्यकता है। इनमें से पांच पदास्थापित हैं जबकि 12 पद रिक्त हैं। अधिकारियों की कमी के चलते प्रधानाध्यापक ही ब्लाक शिक्षा अधिकारी एवं प्रमुख सरकारी हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक का पदभार संभाल रहे हैं। जिले में 191 वरिष्ठ एसइएस प्रधानाध्यापक चाहिए जबकि 118 कार्यरत हैं एवं 73 पद रिक्त हैं। अंग्रेजी पढ़ाने के लिए 516 कला शिक्षकों में से 301 कार्यरत हैं एवं 206 रिक्त हैं। इसी तरह 42 टीआइ शिक्षक की जगह 24 कार्यरत हैं एवं 18 रिक्त हैं। 43 टीमए शिक्षक की जगह 28 कार्यरत हैं एवं 15 रिक्त हैं। 199 क्लासिकल शिक्षक की जरूरत है इनमें से 123 कार्यरत हैं व 76 रिक्त हैं। 188 हिन्दी शिक्षक की जगह 70 कार्यरत हैं एवं 118 पद रिक्त हैं। 183 पीइटी शिक्षक में से 123 पदास्थापित है जबकि 80 पद रिक्त हैं। सरकार की ओर से रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए पहल नहीं किए जाने के कारण ठीक तरह से पढ़ाई नहीं हो पा रही है एवं शिक्षा स्तर में सुधार नहीं आ रहा है।


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