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मिट्टी में मिल गई दुर्गापुर पहाड़ी की जल विभाजिका परियोजना

जल विभाजिका परियोजना में घोटाला की बू डोबा व तालाब की हुई खुदाई लेकिन मिले गायब।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 09:57 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 09:57 PM (IST)
मिट्टी में मिल गई दुर्गापुर पहाड़ी की जल विभाजिका परियोजना
मिट्टी में मिल गई दुर्गापुर पहाड़ी की जल विभाजिका परियोजना

मिट्टी में मिल गई दुर्गापुर पहाड़ी की जल विभाजिका परियोजना

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जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला वन मंडल अंतर्गत दुर्गापुर पहाड़ी पर जल विभाजिका परियोजना मिट्टी में मिल गई। जल व मिट्टी संरक्षण के लिए इस परियोजना के तहत 3500 डोभा और ट्रेंच की खुदाई हुई थी। चार साल के अंदर इनका नामो निशान नहीं है। छेंड कालोनी से लेकर एनआइटी तक पहाड़ी पर चार साल पहले वन विभाग की ओर से उक्त परियोजना पर काम हुआ था। शहर के बढ़ते तापमान में 2 डिग्री तक कमी लाने का लक्ष्य लेकर यह काम किया गया था। पहाड़ी की तलहटी पर पोखर में जल जमा करने से जलस्तर को बनाए रखना था। 2019 में यह काम शुरू किया गया था, जबकि 2021-22 में यह पूरा हुआ। इसके लिए वन विभाग को 3.43 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 3.10 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं। अब पहाड़ी पर न तो पोखर और न ही ट्रेंच नजर आ रहे हैं। वन विभाग की ओर से चार साल पहले सुंदरगढ़ के जिलापाल को पत्र लिखा गया था। इसमें पर्यावरण संतुलन, दुर्गापुर पहाड़ी पर पोखर की खुदाई से जल व मिट्टी संरक्षण, ऊंचे व लंबे पेड़ लगाने से छाया होने तथा तापमान में भी दो डिग्री तक की गिरावट आने का उल्लेख किया गया था। जल विभाजिका योजना में दुर्गापुर पहाड़ी पर खनन व पौधरोपण का काम किया गया। वन विभाग के पोखरी खनन एवं वर्षा जल संरक्षण की योजना व्यर्थ साबित हुई है। खनन स्थल पर पानी बिल्कुल नहीं है। विभाग की ओर से 15 पोखरी खोदे गए हैं इनमें से एक भी लोगों के काम नहीं आ रहा है। पहड़ी पर स्ट्रॉ गार्ड ट्रेंच का खनन किया गया है। पहाड़ी पर ये नजर नहीं आ रहे हैं। दुर्गापुर पहाड़ी पर पौधरोपण के नाम पर भी भारी अनियमितता हुई है जिसकी विजिलेंस जांच जारी है। विभिन्न संगठनों की ओर से तालाब खनन, जल व मिट़्टी संरक्षण के नाम पर राशि की बर्बादी की भी उच्च स्तरीय जांच करने के लिए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया गया है।


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