कोरोना के साथ भय का भी इलाज कर रहे डॉ. दुर्गेश
कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान की परवाह बाजी लगाकर मरीजों का इलाज करने में तत्पर हैं राउरकेला सरकारी अस्पताल के युवा चिकित्सक डॉ. दुर्गेश सा।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान की परवाह बाजी लगाकर मरीजों का इलाज करने में तत्पर हैं राउरकेला सरकारी अस्पताल के युवा चिकित्सक डॉ. दुर्गेश सा। तीन महीने से अधिक समय से वे अपने माता पिता, पत्नी एवं दो बेटों की चिता न कर दिन रात कोरोना मरीजों का इलाज कर चिकित्सकों के लिए उदाहरण पेश कर रहे हैं।
मार्च महीने के दूसरे सप्ताह से अब तक वह हाइटेक मेडिकल कॉलेज स्थित कोविड अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सुबह से देर रात तक वह अस्पताल में ही ड्यूटी देते हैं एवं हताश हो रहे मरीजों को तरह तरह से ढांढस बंधाते रहे हैं ताकि उनका भय कुछ कम हो। कोविड अस्पताल में सुंदरगढ़, देवगढ़, झारसुगुड़ा, नुआपाड़ा, संबलपुर समेत अन्य जिलों से 1500 से अधिक मरीज यहां इलाज कराने के बाद घर लौट चुके हैं। एक कोरोना योद्धा के रूप में अपने को पूरी तरह से वे समर्पित कर दिये हैं एवं यहां आने वाले लोगों के बीच उनकी अच्छी पहचान बन गयी है। आरजीएच के चिकित्सक डा. समीर पात्र, डा. पंडित साहू समेत अन्य चिकित्सक उनकी प्रशंसा कर रहे हैं और कहते हैं कि उन्होंने इस संकट की घड़ी में मानवता का प्रदर्शन किया है। छेंड कालोनी के कलिग विहार में परिवार के साथ रहने वाले डॉ. दुर्गेश सा मेडिसीन स्पेशलिस्ट हैं। मार्च महीने के दूसरे सप्ताह से ही वह हाइटेक अस्पताल में मरीजों का नमूना संग्रह करा रहे थे। अप्रैल के पहले सप्ताह में जब कोविड अस्पताल खुला तब उन्हें वहां भेजा गया। कोट
जब रोगी अस्पताल से रोग मुक्त होकर निकलता है उनके चेहरे में खुशी होती है, यह देखकर बड़ा आनंद आता है और अपने को सुकून महसूस होता है। जब तक कोराना खत्म नहीं हो जाता है तब तक रोगियों की सेवा में तत्पर रहूंगा।
डॉ. दुर्गेश सा, चिकित्सक।