एनआइटी के डॉ. अनूप ने किया ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट कॉनक्लेव में भारत का प्रतिनिधित्व
एनआइटी राउरकेला के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनूप नंदी पांचवें ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट कॉनक्लेव के लिए भारतीय युवा वैज्ञानिक के तौर पर चयनित किए गए एवं बुधवार को उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : एनआइटी राउरकेला के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनूप नंदी पांचवें ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट कॉनक्लेव के लिए भारतीय युवा वैज्ञानिक के तौर पर चयनित किए गए एवं बुधवार को उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
डॉ. अनूप नंदी संस्थान के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिग संकाय में कार्यरत हैं। ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट कॉनक्लेव 21 से 25 सितंबर के बीच रूस के चेलयाबिस्क शहर में आयोजित किया जा रहा है। डॉ. अनूप नंदी ब्रिक्स देशों के समक्ष द थिमैटिक एरिया ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विषय में अपने रिसर्च को पेश करने वाले छह भारतीयों में से एक हैं। भारत की ओर से डॉ. नंदी ने 23 सितंबर को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में हेल्थकेयर एप्लीकेशन की भूमिका पर शोध-चर्चा की। डॉ. नंदी की रूस यात्रा के खर्च-वहन की जिम्मेदारी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार तथा रहने और खान-पान की जिम्मेदारी रूस सरकार के विज्ञान और उच्च शिक्षा मंत्रालय की ओर से ली गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से अब ये पूरा कॉनक्लेव वर्चुअल तरीके से संयोजित किया जा रहा है। ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट कॉनक्लेव का उद्देश्य ब्रिक्स (ब्रा•ाील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के युवा वैज्ञानिकों के विकास में मदद करना और एक-दूसरे के प्रति सहभागिता को बढ़ावा देना है। इस कॉनक्लेव से रिसर्च और डेवलपमेंट में ब्रिक्स देशों के युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी और उन्हें एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिलेगा जहां वे अपने-अपने शोध और अनुभवों को आसानी से आदान-प्रदान कर सकें और बेहतर तैयारी कर सकें। इस उपलब्धि पर डॉ. अनूप नंदी ने कहा यहां तक पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण था। इस कॉनक्लेव में भाग लेने के लिए कई भारतीय युवा वैज्ञानिकों ने रुचि दिखाई थी, जिनमें द थिमैटिक एरिया ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर शोध करने के लिए छह वैज्ञानिकों को चुना गया, जिनमें से मैं एक हूं। एनआईटी राउरकेला एक ऐसा संस्थान है जहां इन ची•ाों के लिए हमेशा प्रोत्साहन मिलता है।