आरजीएच में एंटी रैबीज इंजेक्शन न मिलने पर बवाल
राज्य सरकार की ओर से राउरकेला सरकारी अस्पताल को 5टी के अधीन शामिल कर दिया पर वास्तव में यहां उस श्रेणी की सुविधा मरीजों को नहीं मिल रही है। दस दिनों से यहां एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। हर दिन यहां कुत्ते के शिकार 30 से अधिक मरीज आ रहे हैं जिन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। इसे लेकर शनिवार को रोगियों ने हंगामा मचाया। अस्पाल प्रबंधन की ओर से शीघ्र इसका प्रबंध करने का भरोसा मिलने के बाद लोग हटे।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राज्य सरकार की ओर से राउरकेला सरकारी अस्पताल को 5टी के अधीन शामिल कर दिया पर वास्तव में यहां उस श्रेणी की सुविधा मरीजों को नहीं मिल रही है। दस दिन से यहां एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। जबकि यहां हर दिन 30 से अधिक मरीज आ रहे हैं। उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। इसे लेकर शनिवार को रोगियों ने हंगामा मचाया। अस्पताल प्रबंधन ने शीघ्र प्रबंध करने का भरोसा दिया। जिसके बाद लोग शांत हो गए।
राउरकेला सरकारी अस्पताल में महीने भर से एंटी रैबीज इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं हो रही है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से अपने कोष से इंजेक्शन लाकर लोगों को दिया जा रहा था पर दस दिन से यह स्टॉक भी खत्म हो गया है। इसके बाद से मरीजों को एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। राउरकेला सरकारी अस्पताल के चिकित्सक बाहर से इंजेक्शन लाने के लिए भी नहीं कह सकते हैं। दूसरी ओर बाहर के स्टोर में यह इंजेक्शन अब सुलभ नहीं है। कुत्ते के काटने से मरीज को चार डोज देना पड़ता है। जिसमें करीब 1400 रुपये खर्च होते हैं। गरीब व असहाय लोगों के लिए इस राशि की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। सरकारी अस्पताल में एंटी रैबीज दावा उपलब्ध नहीं होने के कारण कुत्ते के शिकार लोगों के साथ उनके परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा मचाया एवं धरना दिया।
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एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए टेंडर की प्रतीक्षा की जा रही थी पर इसमें विलंब हो रहा है। राउरकेला के किसी स्टॉक में एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं है। इसके लिए भुवनेश्वर के एक स्टॉकिस्ट से संपर्क किया गया है एवं वह इंजेक्शन देने पर राजी हो गया है। सोमवार रात या मंगलवार सुबह तक अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन मिलेंगे।
- डॉ. दीनबंधु पंडा, सुप्रीटेंडेंट, राउरकेला सरकारी अस्पताल।