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जेपी अस्पताल में मरीज की मौत को लेकर हंगामा

नगर के दंडियापाली स्थित जयप्रकाश अस्पताल में मंगलवार को मरीज की मौत को लेकर जमकर हंगामा हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 09:44 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 09:44 PM (IST)
जेपी अस्पताल में मरीज की मौत को लेकर हंगामा
जेपी अस्पताल में मरीज की मौत को लेकर हंगामा

जागरण संवाददाता, राउरकेला : नगर के दंडियापाली स्थित जयप्रकाश अस्पताल में मंगलवार को मरीज की मौत को लेकर जमकर हंगामा हुआ। हुआ यूं कि जोड़ा निवासी मुन्ना महाकुड़ (35) किड़नी व लीवर की बीमारी से पीड़ित था। उसे इलाज के लिए मंगलवार की सुबह साढ़े पांच बजे जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। भर्ती के समय स्वजनों ने 30 हजार रुपये जमा कराए थे। लेकिन इलाज के दौरान शाम साढ़े चार बजे मरीज की मौत हो गई। परिवार वाले जब शव ले जाने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें 1.30 लाख रुपये का बिल थमा दिया। इससे परिवार वालों का धैर्य टूट गया और वे हंगामा करने लगे।

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उनका कहना था कि जब अस्पताल में भर्ती के कुछ घंटे बाद ही मरीज की मौत हो गई तो ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने कौन से इलाज किया कि बिल 1.30 लाख रुपये का बन गया। क्या यह मरीज के इलाज का बिल है या फिर इतने बड़े अस्पताल में आकर उसे जो मौत नसीब हुई है, यह उसका बिल है।

इसकी जानकारी मिलने पर पानपोष के कई संगठन के लोग वहां पहुंच गए। मृतक के परिजनों की बात सुनने के बाद वे भी उनके पक्ष में खड़े हो गए। उनका कहना था कि जेपी अस्पताल यहां आने वाले मरीजों तथा उसके स्वजनों को लूटने में लगा है। इतने बड़े अस्पताल में आकर मरीज अगर स्वस्थ लौटता तो कोई बात थी। यहां आकर मरीज मर रहे हैं तथा उन्हें मोटा बिल थमाया जा रहा है। हंगामा देख अस्पताल प्रबंधन ने ब्राह्मणीतरंग थाना को सूचित किया था। घटना स्थल पहुंच पुलिस ने लोगों को शांत कराने की कोशिश की। लेकिन वे शांत नहीं हुए।

एडवांस की राशि पर राजी हुआ प्रबंधन : लोगों के एकजुट होने पर अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के दाखिले के समय जमा किए गए राशि को ही इलाज का खर्च स्वीकार करते हुए अतिरिक्त एक लाख के बिल को वापस ले लिया। इसके बाद लोग शांत हुए। अस्पताल प्रबंधन ने शव को मरीज के परिजनों को सौंप दिया।

इंटरनेट मीडिया में अस्पताल प्रबंधन का विरोध : उधर इस घटना के बाद इंटरनेट मीडिया पर भी जय प्रकाश अस्पताल के रवैये के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त कर रहे है। उन राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा फूट रहा है जो जनता की इस समस्या के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर चुप्पी साध लेते हैं। सत्तारूढ़ दल के एक विधायक की छत्रछाया में अस्पताल प्रबंधन इस तरह खुलकर लूट मचाने के आरोप भी लोग सार्वजनिक तौर पर लगाने लगे है।


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