बोइत बंदान पर्व को लेकर असमंजस
ओडिशा वासियों की धार्मिक भावना से जुड़े कार्तिक पूर्णिमा व बोइत बंदान उत्सव पर भी कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : ओडिशा वासियों की धार्मिक भावना से जुड़े कार्तिक पूर्णिमा व बोइत बंदान उत्सव पर भी कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है। बोइत बंदान पर्व पर छोटी-बड़ी नाव बनाकर रोजगार करने वाले कारीगर भी असमंजस में हैं एवं उनका रोजगार छिनता नजर आ रहा है। कार्तिक पूर्णिमा के मात्र छह दिन बचे हैं। शासन-प्रशासन की ओर से इसके लिए अनुमति नहीं दी गई है। इस कारण लोग नदी एवं तालाब जाकर पूजा-अर्चना एवं नौका विसर्जन भी नहीं कर पाएंगे। बोइत बंदान पर्व पर सेक्टर-2 पूजा मैदान व फर्टिलाइजर बोइत बंदान मैदान में रात्रिकालीन उत्सव को लेकर भी संशय बरकरार है।
कार्तिक पूर्णिमा के पहले दिन शहर के विभिन्न संगठनों की ओर से रात्रि जागरण के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था। सेक्टर-2 पूजा मैदान व फर्टिलाइजर बोइत बंदान मैदान में जाने माने कलाकार आकर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के साथ ही सुबह लोग नाव लेकर नदी-तालाब किनारे पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं। अन्य लोग भी कार्तिक पूर्णिमा पर नदी एवं तालाब घाटों पर पहुंचकर पवित्र स्नान कर पूजा अर्चना एवं नौका विसर्जन करते हैं। इसके लिए वेदव्यास त्रिवेणी संगम, जलदा घाट, बालू घाट, तरकेरा पंप हाउस, पानपोष, छेंड कालोनी, सेक्टर-16, सेक्टर-20, झीरपानी घाट के अलावा गोपबंधु पाली तालाब, डीएवी तालाब में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते थे। सभी अपने-अपने हाथों छोटी बड़ी नौका लाते थे। बड़ी संख्या में कारीगर विभिन्न प्रकार की नाव तैयार कर रोजगार करते थे पर इस साल कोरोना संक्रमण के चलते इस पर ग्रहण लगा हुआ है। छठ पूजा में घाटों में पूजा की अनुमति सरकार की ओर से नहीं दी गई थी इसके बाद भी लोग घाटों में पहुंच गए थे। इस पर सबक लेते हुए प्रशासन की ओर से घाटों में भीड़ को रोकने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार की ओर से भी 30 नवंबर तक कोरोना गाइलाइन जारी करने साथ ही इसका पालन कराने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया गया है।