सेल निजीकरण के खिलाफ सीटू करेगा आंदोलन
श्रमिक संगठन सीटू ने केंद्र सरकार पर 46 राष्ट्रीय उद्योगों क
जागरण संवाददाता, राउरकेला : श्रमिक संगठन सीटू ने केंद्र सरकार पर 46 राष्ट्रीय उद्योगों का निजीकरण करने का मसौदा तैयार करने तथा इसे 100 दिन में कारपोरेट तथा विदेशी मालिकों को देने का आरोप लगाया है। इसके प्रतिवाद में आगामी 17 व 18 जुलाई को सीटू की ओर से अखिल भारतीय स्तर पर धरना व प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। गुरुवार की सुबह सेक्टर-16 स्थित श्रमिक भवन में हुई प्रेसवार्ता में सीटू के नेताओं ने इससे मीडिया को अवगत कराने के साथ राउरकेला में भी इस आंदोलन के समथर्न में धरना-प्रदर्शन करने की जानकारी दी गई।
इसमें सीटू के नेताओं ने अपनी मांगों से अवगत कराने के साथ इस दो दिवसीय आंदोलन को सफल बनाने में सभी से सहयोग की कामना की। सीटू की मांगों में अलाय स्टील प्लांट भद्रावती व सालेम स्टील प्लांट की बिक्री बंद करने समेत सेल का निजीकरण बंद करने, तुरंत एनजेसीएस नया वेतन समझौता हस्ताक्षरित करने व पुराने समझौता के अनुसार छह फीसद पेंशन देने के साथ युवा श्रमिकों को नौ फीसद पेंशन देने, आइजीएच को सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज बनाकर ज्यादा डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति, बिजली की दर कम करने के साथ शहर सेवा में उन्नति तथा वाजिब दर पर खाली क्वार्टर व जगह श्रमिकों को प्रदान करने, सेल के सभी ठेका श्रमिकों को केंद्रीय दर पर वेतन देने के साथ नौकरी में सुरक्षा देने व मनमाने तरीके से छंटनी बंद करने, अधिक स्थानीय को नियुक्ति के साथ नौकरी की शर्तावली में तानाशाही बंद करने, अनुकंपा नियुक्ति में सेल के निजस्व 1007 सर्कुलर को हटाकर पूर्व की व्यवस्था को लागू करने, अप्रेंटिस को नौकरी प्रदान करने, सेल के खदान कालटा, बरसुआं, बलानी, किरीबुरु व मेगाहाताबुरु में श्रमिकों के क्वाटर्र की समस्या, सड़क, पेयजल, बिजली सेवा, मेडिकल में डॉक्टर व दवाई की व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था को विकसित करने, एनएच-215 में राजामुंडा से पानीकोइली तक सड़क निर्माण का काम युद्ध स्तर पर खत्म करने, बंद कल कारखाना व खदान को तुरंत खोलने के लिए समुचित पहल करने, ठेका व अन्य श्रमिकों को न्यूनतम 20 हजार रुपये मासिक वेतन देने की मांग शामिल है। इस मौके पर कोइड़ा में बणई विधायक लक्ष्मण मुंडा की अगुवाई में चल रहे आंदोलन का समर्थन भी किया गया। प्रेसवार्ता में सीटू नेता विष्णु महंती, बसंत नायक, जहांगीर अली, विमान माइती, प्रमोद कुमार दास, सुरेंद्र महंती, रत्नाकर नायक व अन्य श्रमिक नेता शामिल थे।