अस्थि विसर्जन में सहयोग के लिए परमानंद सम्मानित
ओडिशा वैदिक ब्राह्मण परिषद की ओर से शव सत्कार व आग्रह पर प्रयाग व कोलकाता में अस्थि विसर्जन में सहयोग समेत अन्य उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव निवासी परमानंद पाणीग्राही को सम्मानित किया गया।
संवादसूत्र, बड़गांव : ओडिशा वैदिक ब्राह्मण परिषद की ओर से शव सत्कार व आग्रह पर प्रयाग व कोलकाता में अस्थि विसर्जन में सहयोग समेत अन्य उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव निवासी परमानंद पाणीग्राही को सम्मानित किया गया।
63 वर्षीय परमानंद पिछले 14 साल से समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान करते रहे हैं। ब्लाक क्षेत्र में कोई भी जाति के व्यक्ति की मौत की सूचना मिलने पर वहां पहुंचकर उसका अंतिम संस्कार में सहयोग करते रहे हैं एवं अब तक वे 400 से अधिक लोगों का संस्कार कर चुके हैं। बड़गांव के साथ-साथ संबलपुर व कुचिडा क्षेत्र में भी वे जा चुके हैं। शव सत्कार के साथ-साथ अस्थि विसर्जन में भी प्रयाग आदि तीर्थ में अपने पैसे से अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों का अस्थि विसर्जन कर चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के रूप में बड़गांव में कार्यरत परमानंद मार्च 2019 में सेवानिवृत्त हुए हैं। बड़गांव में ऐतिहासिक रामलीला के आयोजन में भी इनका अहम योगदान रहता है। विभिन्न पर्व त्योहार में भी बढ़-चढ़कर सहयोग करते हैं। केंद्रपाड़ा में रविवार की शाम को आयोजित कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में ब्राह्मण जाति से जुड़े सेवाभावी लोगों को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में ओडिशा वैदिक ब्राह्मण परिषद के प्रमुख सुधांशु शेखर, जीतू दास, किशोर चंद्र मिश्र, नरहरि मिश्र शामिल थे। उन्होंने बड़गांव के परमानंद पाणीग्राही के सेवा कार्य की प्रशंसा करने के साथ सम्मान भी दिया गया।
कोट
मृत्यु के बाद कोई जाति नहीं रहती है। मानवता की दृष्टि से भी किसी तरह का भेदभाव नहीं रखना चाहिए। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को मानवता की रक्षा करना दायित्व होता है।
परमानंद पाणीग्राही, समाजसेवी