प्लस-2 नामांकन के लिए राज्य सरकार का बड़ा फैसला
राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान छात्र सुरक्षा के हित में बड़ा फैसला लिया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान छात्र सुरक्षा के हित में बड़ा फैसला लिया है। जो छात्र प्लस 2 के पहले वर्ष में दाखिला ले रहे हैं, उन्हें कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म (सीएएफ) जमा करने के लिए सेम्स संसाधन केंद्र नहीं जाना पड़ेगा। नामांकन के समय सीएएफ का सत्यापन और वैधता तय उच्च विद्यालयों (प्लस 2 महाविद्यालयों) में की जाएगी। नामांकन के समय मार्कशीट, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, कंडक्ट सर्टिफिकेट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, आरक्षण और अन्य दस्तावेजों की जांच की जाएगी। कोई छात्र नामांकन के समय वैध कारणों के लिए उपरोक्त दस्तावेज प्रदान करने में विफल रहते है, तो उन्हें एक महीने की लिखित मोहलत दी जाएगी। इस दौरान दस्तावेज जमा नहीं करने पर छात्र का नामांकन रद कर दिया जाएगा। स्कूल और शिक्षा विभाग द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया।
सबसे बड़ा फैसला छात्रों के नामांकन शुल्क को लेकर किया गया है। पहले, विद्यार्थियों को सीएएफ भरने के लिए 300 रुपये शुल्क देना पड़ता था। अब इसे घटाकर 200 रुपये कर दिया गया है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थी निर्धारित 200 रुपये की जगह अब 100 रुपये देंगे। जांच में सीएएफ और मूल मार्कसीट, आरक्षण और वेटेज दस्तावेजों के बीच कोई विसंगति पाई जाती हैं, तो प्रवेश टीम के सदस्य सीएएफ को अस्वीकार कर देंगे। इस संबंध में, सेम्स में ऑनलाइन नामांकन की स्थिति (अनुमति / बगैर अनुमति ) दर्ज की जाएगी। जिन्हें अनुमति नहीं मिलती है, वे चयन प्रक्रिया के अगले दौर में भाग लेंगे। प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों का नामांकन तीन कारणों से बदला जा सकता है। यदि छात्र के माता-पिता की मृत्यु, छात्र की शादी या गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो वे स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। पत्राचार पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण नियमित नामांकन की समाप्ति के 15 दिन बाद होगा। दूसरे चरण के नामांकन के लिए इच्छुक विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। स्कूल और मास शिक्षा विभाग के अनुसार, नामांकन के लिए एक ही चयन प्रक्रिया पिछले साल की तरह इस बार भी जारी रहेगी।