सावित्री व्रत कर सुहागिनों ने मांगी पति की दीर्घायु
पति की दीर्घायु और परिवार की सुख शांति के लिए सोमवार को
जागरण संवाददाता, राउरकेला : पति की दीर्घायु और परिवार की सुख शांति के लिए सोमवार को सुहागिनों ने वट सावित्री की पूजा की। इस व्रत में 'वट' और 'सावित्री' दोनों का खास महत्व माना गया है। दिन भर उपवास रखकर बरगद पेड़ के चारों ओर फेरी लगाकर मन्नत का रक्षा सूत्र बांधा। इस अवसर पर सुहागिनों एक-दूसरे को सिदूर से मांग भराई भी की। वहीं घर एवं मंदिरों में भी सामूहिक रूप से पूजा की गई तथा सत्यवान और सावित्री की कथा सुनी गई। नवविवाहिताओं में पहली बार वट सावित्री पूजा को लेकर अलग ही उत्साह देखा गया।
ऐसा माना जाता है कि वट सावित्री पर बरगद पेड़ के नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा सुनने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने पूजा की थी और पतिव्रत के प्रभाव से यमराज के हाथों अपने पति सत्यवान का जीवन दान प्राप्त कर लिया था। एक अन्य कथा के अनुसार मार्कण्डेय ऋषि को भगवान शिव के वरदान से वट वृक्ष के पत्ते में पैर का अंगूठा चूसते हुए बाल मुकुंद के दर्शन हुए थे, तभी से वट वृक्ष की पूजा की जाती है। वट वृक्ष की पूजा से घर में सुख-शांति, धनलक्ष्मी की प्राप्ति होती है। राउरकेला में सोमवार को सेक्टर-3 जगन्नाथ मंदिर के पास, सेक्टर-16 धवलेश्वर मंदिर, कोयलनगर, जगदा, रेलवे कॉलोनी काली मंदिर, संकट मोचन मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, प्लांट साइट शिव मंदिर, लाल बिल्डिग गली शिव मंदिर, उदितनगर पंच मंदिर, बसंती कॉलोनी जगन्नाथ मंदिर, हनुमार वाटिका, छेंड कॉलोनी शिव मंदिर, तरकेरा शिव मंदिर, टिबर कॉलोनी पंच वटी मंदिर, मुक्तेश्वर मंदिर, सर्वेश्वर महादेव मंदिर, गोपबंधुपल्ली अमरनाथ मंदिर समेत विभिन्न स्थानों पर सुहागिनें पहुंची और अपनी लंबी सुहाग के लिए पूजा अर्चना की। इसमें केवल ओडिशा ही नहीं बल्कि बिहार, उत्तरप्रदेश व अन्य प्रदेश के प्रवासी परिवारों की सुहागिनें शामिल हुईं।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप