राउरकेला बार एसोसिएशन ने की जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की मांग
राउरकेला में बाल अपराधियों के मामलों की सुनवाई के लिए अतिरिक्त जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की स्थापना करने की मांग राउरकेला बार एसोसिएशन की ओर से की गई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला में बाल अपराधियों के मामलों की सुनवाई के लिए अतिरिक्त जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की स्थापना करने की मांग राउरकेला बार एसोसिएशन की ओर से की गई है। शुक्रवार को इसे लेकर उपजिलापाल दौलत चंद्राकार से मिलकर निदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष रमेश बल ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से निदेशक सोशल जस्टिस एंड जुवेनाइल बोर्ड को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया कि बाल अपराधियों के मामलों की सुनवाई राउरकेला में नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है। अपराधी के साथ पुलिस एवं उनके अभिभावकों को भी सौ किलोमीटर दूर सुंदरगढ़ जाना पड़ता है। राउरकेला में बाल सुधार गृह होने के कारण यहां मामलों की सुनवाई के लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड बनाने तथा मजिस्ट्रेट की नियुक्ति के लिए 29 अक्टूबर को हाई कोर्ट के साथ साथ जिला सत्र न्यायाधीश व सचिव जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, प्रधान सचिव चाइल्ड एंड वूमन वेल्फेयर बोर्ड को भी ज्ञापन दिया गया है। प्रतिनिधिमंडल में अक्षय साहू, रंगबहादुर बाग, देवानंद तांती, माधवी झा, विजय दास, वरिष्ठ सदस्य बीबीएस पति, नरेश बेहरा, ज्ञान साहू शामिल थे। एसयूसीआइ ने रेल स्टेशनों के निगमीकरण का किया विरोध राजगांगपुर में शुक्रवार को एसयूसीआइ कम्युनिस्ट संगठन की ओर से भारतीय रेलवे स्टेशन के निजीकरण और निगमीकरण के निर्णय को वापस लेने के लिए स्टेशन मास्टर को मांगपत्र सौंपा गया। एसयूसीआइ के लोकल सचिव लेलिन टेटे के नेतृत्व में सौंपे गए मांगपत्र में केंद्र सरकार से नई दिल्ली भारतीय रेलवे स्टेशन के निजीकरण और निगमीकरण के निर्णय को वापस लेने की मांग की गई है। बताया है कि रेलवे स्टेशन के निजीकरण व निगमीकरण से धीरे-धीरे रेल सेवा देश के आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएगी। निजी कार्पोरेट घराने ज्यादा लाभ कमाएंगे। इस कारण भारतीय रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण की नीति को वापस लेने और भारतीय रेल के मार्गों में निजी गाड़ियों को चलाने से रोकने का अनुरोध संगठन की ओर से किया गया है। प्रतिनिधिमंडल में जस्टिन लुगुन, लिओनी तिर्की, एरुष तिग्गा, एतबा मिज प्रमुख शामिल थे।