कोरोना संक्रमण काल में निजी एंबुलेंस का मनमाना भाड़ा
कोरोना संक्रमण काल में मरीजों को राउरकेला के विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों तक पहुंचाने में निजी एंबुलेंस आपरेटर मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं।
जासं, राउरकेला : कोरोना संक्रमण काल में मरीजों को राउरकेला के विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों तक पहुंचाने में निजी एंबुलेंस आपरेटर मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं। राउरकेला से सुंदरगढ़ का भाड़ा दो से ढाई हजार होना चाहिए पर लोगों से 11 हजार रुपये लिया जा रहा है। लोगों की सुविधा के लिए जिला खनिज कोष से 35 नई एंबुलेंस खरीदी गई हैं पर इसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है। सरकार की ओर से एंबुलेंस चालकों को भाड़ा संबंधित निर्देश दिए गए हैं पर इसका पालन नहीं हो रहा है।
सुंदगरढ़ से राउरकेला की दूरी 96 किलोमीटर है। सड़क भी अच्छी है। इसके बावजूद एंबुलेंस चालक राउरकेला से सुंदरगढ़ तक मरीजों को ले जाने के लिए मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं। सुंदरगढ़ के एक मरीज को कोरोना के इलाज के लिए शांति मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वजन उसे राउरकेला से सुंदरगढ़ ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस चालक से संपर्क किया। इसके लिए उनसे 11 हजार रुपये मांगा गया। स्वजन भाड़ा देने में असमर्थ रहे फिर सुंदरगढ़ के निजी अस्पताल से संपर्क कर वहां से मात्र 22 सौ रुपये में एंबुलेंस मिल गई। सुंदरगढ़ के एक होटल मालिक को कोरोना संक्रमण के बाद डायलिसिस के लिए जेपी अस्पताल लाया गया था। यहां से सुंदरगढ़ लौटने के लिए एंबुलेंस से संपर्क करने पर छह हजार रुपये मांगा गया। स्वजनों ने फिर सुंदरगढ़ से एंबुलेंस मंगवा कर मरीज को घर ले गए। डीएमएफ से खरीदी गई 35 एंबुलेंस केवल कटक, भुवनेश्वर, बुर्ला अस्पताल मरीजों को लेकर जा रही हैं पर राउरकेला के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के बाद सुंदरगढ़ व आसपास के क्षेत्रों तक मरीजों को पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं है। इस कारण लोग निजी एंबुलेंस लेने के लिए मजबूर हैं एवं शोषण का शिकार हो रहे हैं। कोरोना काल में मरीजों को लाने ले जाने के लिए वाहन नहीं मिल रहे हैं। इसका फायदा निजी एंबुलेंस चालक उठा रहे हैं। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग का भी इस ओर ध्यान आकृष्ट किया गया है।