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300 करोड़ के जीएसटी ठगी के मास्टर माइंड को पैरोल, कोर्ट ने रखी पांच शर्त

GST Fraud in Rourkela ओडिशा के राउरकेला में 300 करोड़ से अधिक के जीएसटी ठगी मामले के मास्‍टर माइंड अमित बेरिवाल को पेरोल मिला है जबकि अगस्त माह से जेल में बंद कश्‍मीरा की जमानद रद हो गई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 01:34 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 01:34 PM (IST)
300 करोड़ के जीएसटी ठगी के मास्टर माइंड को पैरोल, कोर्ट ने रखी पांच शर्त
300 करोड़ से अधिक की जीएसटी ठगी

राउरकेला, जागरण संवाददाता। 300 करोड़ से अधिक की जीएसटी ठगी में मामले में गत जनवरी माह से जेल में बंद मास्टर माइंड अमित बेरिवाल को हाइकोर्ट ने 30 दिन के पैरोल पर छोड़ा है। पत्नी की तबीयत खराब होने की बात दर्शाकर उन्होंने हाइकोर्ट में आवेदन किए थे। जिस पर सुनवाई कर हाईकोर्ट ने उन्हें 30 दिन के पैरोल पर जाने की अनुमति दिए थे। पांच शर्तों पर कोर्ट ने एक माह का जमानत दी है। दूसरे ओर करीब साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक की जीएसटी ठगी के मामले में गत अगस्त माह से जेल में बंद कश्‍मीरा अग्रवाल की जमानत ऊपरी अदालत से नामंजूर हो गई है। जिसके कारण जेल से निकलने की उनकी उम्मीद धूमिल हो गई है। 

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 गौरतलब है कि सिविल टाउनशिप निवासी अमित उनका भतीजा रौनक बेरिवाल, बसंत कुमार पटनायक, सुभाष स्वाई व बसंत नायक एक रैकेट का गठन कर 2017 से 2019 के भीतर लगभग 3 सौ करोड़ का जीएसटी की ठगी की थी। वे सेक्टर-2 के आरएसपी ठेका मजदूर जामीनीकांत नायक, सेक्टर-20 गाड़ी चालक राजेंद्र पलेई, सेक्टर-1 काली मंदिर बस्ती निवासी सुकांति पात्र, शक्तिनगर अंचल के विश्वजीत तांडिया, बासंती कॉलोनी हरिपुर बस्ती के सत्यजीत स्वाई, शारदा प्रसन्न स्वाई जैसे कई निरह लोगों के नाम पर 24 जाली एकाउंट राउरकेला कोऑपरेटिव बैंक के मिट टाउन शाखा खोलकर कोई सौ करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी की थी। 

 ओडिशा जीएसटी विभाग ने गत जनवरी माह में अमित बेरीवाल, सुभाष स्वाई, बसंत पटनायक व रौनक बेरीवाल के नाम पर मामला दर्ज किया था। अमित व सुभाष को गत जनवरी माह के 22 तारीख के दिन गिरफ्तार किया गया था। लेकिन किसी तरह से बसंत व रौनक गिरफ्तारी से पहले फरार हो गए थे। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। दूसरी ओर अमित निचली अदालत के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत लेने में विफल हुए थे। वही उनकी पत्नी पिछले कुछ माह से पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित होकर एक अस्पताल में इलाजरत है। इलाज के लिए उसे बाहर लेने की जरूरत बताते हुए अमित ने हाइकोर्ट में कुछ समय पहले आवेदन दिया था। 

 कोर्ट ने रखी पांच शर्त 

 कोर्ट ने आवेदन पर विचार करने से पहले उसके पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट की जांच कर पैरोल पर छोड़ने के दौरान पांच शर्त रखी थी। जिसमें प्रत्येक सोमवार को उन्हें हर हाल में सुबह 10 से 12 बजे के बीच जांच अधिकारी के पास पेश होना, जांच अधिकारी के पास पासपोर्ट जमा करना, गवाहों को प्रभावित या भयभीत न करना, जांच अधिकारी के बगैर निर्देश के राज्य के बाहर न जाना आदि शामिल है। शर्तों के उल्लंघन करने पर जमानत को रद् कर दिया जाएगा। इसके अलावा 30 दिन समाप्त होने के अगले दिन उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना है। उधर कोर्ट का निर्देस मिलने के बाद जेल प्रबंधन उसे रिहा कर दिया है।

 दूसरी ओर 73 जाली संस्था खोलकर करीब साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक की जीएसटी ठगी में कश्‍मीरा अग्रवाल की जमानत राउरकेला अतिरिक्त जिला दौरा जज के कोर्ट में खारीज हो गई है। कश्‍मीरा 17 अगस्त से गिरफ्तार होकर जेल में बंद है। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत नहीं दी थी।


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