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Flipkart के डिलीवरी ब्‍वॉय के नाम पर 70 लाख का कारोबार, 10 लाख की जीएसटी ठगी

GST Fraud ओडिशा के राउरकेला में 10 लाख की जीएसटी ठगी का मामला उजागर हुआ है ठगों ने फ्लिपकार्ट में डिलीवरी बॉय के तौर पर काम करने वाले रति नाग ने जाली एकाउंट खोल 70 लाख का कारोबार किया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 12:11 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 12:11 PM (IST)
Flipkart के डिलीवरी ब्‍वॉय के नाम पर 70 लाख का कारोबार, 10 लाख की जीएसटी ठगी
राउरकेला में 10 लाख रुपए की जीएसटी ठगी का मामला

राउरकेला, जागरण संवाददाता। राउरकेला शहर से फिर एक बार जीएसटी ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने फ्लिपकार्ट में डिलीवरी ब्‍वॉय के तौर पर कार्य करने के दौरान उदितनगर के ओरामपड़ा में रहने वाले रति नाग द्वारा नौकरी के आस में विभिन्न लोगों को दिए गए आवेदन के जरिए जाली एकाउंट खोलकर 70 लाख रुपए का कारोबार करते हुए करीब 10 लाख रुपए की जीएसटी ठग ली। 

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 एक कांच की फैक्ट्री में मजदूर के तौर पर कार्यरत रति को जब दस लाख का जीएसटी टैक्स चुकाने तथा अधिकारियों के पास पेश होने का नोटिस मिला तो  उसके हाथ पांव फूल गए। इस घटना के बाद से ही उसका जीवन बदल गया है। जीएसटी के माहठगी में उसके नाम का इस्तेमाल किए जाने के कारण वह परेशान हो गया। निर्धारित तारीख पर व जीएसटी कार्यालय में अधिकारियों के समक्ष पेश हुआ। अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए पूरी सच्चाई बयान की। जिस स्थानीय बैंक में उसके नाम पर खाता खोला गया है, उस बैंक में वह कभी गया ही नहीं था। 

 उसने अधिकारियों को बताया कि फ्लिपकार्ट में डिलीवरी बॉय के तौर पर काम करने दौरान वह बेहतर नौकरी के तलाश में उसने कई जगहों पर आवेदन किया था। उसके द्वार दिए गए आवेदन के जरिए ही किसी ने इस ठगी को अंजाम दिया है। ठगों ने उसके नाम से मनोरमा ट्रेडर्स नाम की एक कंपनी खोली थी। इसी का प्रोपराइटर बताते हुए हुए बैक में उसका जाली एकाउंट खोला गया। जिसके जरिए 70 लाख रुपए का कारोबार किया गया और दस लाख रुपए की जीएसटी ठगी गई। इस मामले में जीएसटी की जांच जारी है। 

 उक्त एकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है। उधर, पूरे कारोबार के बाद ठगों ने एकाउंट पूरी तरह से खाली कर दिया है। विभाग यह जांच कर रही है कि किस तरह से ठगों ने बैंक में यह जाली एकाउंट खुलवाया। इसमें बैंक के कर्मचारी कितने हद तक शामिल है। एकाउंट खुलने के बाद बैंक के दस्तावेज किस पते पर भेजे गए। इस तरह के विभिन्न पहलुओं की जांच विभाग कर रही है। हालांकि रति नाग को विभाग ने पूछताछ के बाद भी क्लीन चीट नही दी है।


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