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सुंदरगढ़ जिले के संयंत्रों में 49 महीने में 41 मजदूरों की गई जान

सुंदरगढ़ जिले में पिछले 49 महीने (4.1 साल) के भीतर विभिन्न कारखानों हुए हादसों में कुल 41 लोगों की जान गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 09:59 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 09:59 PM (IST)
सुंदरगढ़ जिले के संयंत्रों में 49 महीने में 41 मजदूरों की गई जान
सुंदरगढ़ जिले के संयंत्रों में 49 महीने में 41 मजदूरों की गई जान

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले में पिछले 49 महीने (4.1 साल) के भीतर विभिन्न कारखानों हुए हादसों में कुल 41 लोगों की जान गई है। जोकि स्पष्ट करता है कि कल-कारखानों में श्रमिकों की सुरक्षा के मामले में नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में, कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। संयंत्र के सुरक्षा विभाग और सरकार की फैक्ट्री और स्टीम निदेशालय की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि सुरक्षा नियमों और मानक संचालन प्रथाओं का उचित अनुपालन हो रहा है या नहीं। लेकिन ज्यादातर हादसों को देखते हुए, यह कहना अनुचित नहीं होगा कि दोनों अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं कर रहे हैं। दुर्घटना के तुरंत बाद, सुरक्षा के लिए जिम्मेदार विभागों द्वारा कुछ तत्परता दिखाई है, लेकिन कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो जाती है। लेकिन अधिकतर मामले अधिकारियों के निलंबन और जांच समिति के गठन तक सीमित रह जाता है।

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सुरक्षा को संयंत्रों द्वारा कितनी प्राथमिकता दी जाती है यह तो राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) के कोल केमिकल्स विभाग में दुर्घटना से साफ हो जाता है। इस दुर्घटना में चार श्रमिकों का जीवन समय से पहले चला जाता है और चार परिवार बेघर हो जाते है। परिवार के सदस्यों को मुआवजा या रोजगार देकर भी इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। यदि विभाग की गैस पाइपलाइन की मरम्मत से पहले आवश्यक सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखा गया होता तो ऐसी दुर्घटना नहीं होती। यदि आरएसपी जैसे बड़े कारखाने में सुरक्षा उपाय पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण कुछ भी नहीं है। आरएसपी के एसएमएस -2, कोकोवन और कोल केमिकल जैसे विभागों में ऐसी कई दुघर्टनाएं हुई है। जिसमें मजदूरों और अधिकारियों की जान चली गई है। कई लोग विकलांग हो गए हैं। फैक्ट्री और बॉयलर निदेशालय कार्यालय के अनुसार, सुंदरगढ़ जिले में पिछले 49 महीनों (4 साल और 1 महीने) में फैक्ट्री दुर्घटनाओं में 41 लोग मारे गए हैं। 24 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सबसे ज्यादा मौतें आरएसपी में हुईं। पहले 49 महीनों में, आरएसपी में 15 श्रमिक मारे गए और छह अन्य घायल हो गए।

वर्ष 2017 में, चार लोग मारे गए थे और तीन घायल हुए थे। 2018 में 3 मौतें व 3 घायल, 2019 में 3 मौतें और 2 घायल हो गए थे। वर्ष 2020 में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि 2021 की शुरुआत में ही चार अनुबंध कर्मचारी दुर्घटना में मार गए है। आरएसपी के अलावा, सुंदरगढ़ जिले में अन्य कारखानों में पिछले चार वर्षों में 26 मजदूर मारे गए हैं और 16 घायल हुए हैं। वर्ष 2017 में 6 लोग मारे गए थे और 2 गंभीर रूप से घायल हुए थे। 2018 में, 6 लोग मारे गए थे और 3 घायल हुए थे, 2019 में 4 की मौत हुई थी तथा 5 घायल हुए थे। वर्ष 2020 में सर्वाधिक 10 लोगो की मौत हुई तथा 6 घायल हुए। इन सभी दुर्घटनाओं के बाद, संबंधित कारखानों और श्रमिकों की सुरक्षा को देखने वाले सरकारी विभाग की नींद टूटती है। कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया जाता है, और जांच की एक लंबी प्रक्रिया जारी रहती है।


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