विकासात्मक प्रयासों में सरकार का भागीदार है नाबार्ड : उदय भास्कर
नाबार्ड ने अपने 40वें स्थापना दिवस राष्ट्र और ओडिशा राज्य की ग्रामीण समृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : नाबार्ड ने अपने 40वें स्थापना दिवस राष्ट्र और ओडिशा राज्य की ग्रामीण समृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। 20 जुलाई को इसे लेकर समारोह का आयोजन किया गया। एनआइसी के माध्यम से राज्य भर में एक साथ यह कार्यक्रम हुआ। राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। विकास आयुक्त पीके जेना, प्रमुख सचिव वित्त एकेमीना, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड सी उदयभास्कर, क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक एचएन पांडा, एसएलबीसी संयोजक ए जेना तथा बैंकों के गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। सुंदरगढ़ से कार्यक्रम में अतिरिक्त जिलापाल बिस्वजीत महापात्रा, प्रमुख जिला प्रबंधक डॉन बॉस्को, नाबार्ड जिला विकास प्रबंधक तापस कुमार बेहरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सी उदयभास्कर ने अपने संबोधन में कहा, नाबार्ड अपने विकासात्मक प्रयासों जैसे किसान कल्याण, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण, आदिवासी विकास, वाटरशेड विकास, एफपीओ को बढ़ावा देने आदि में ओडिशा सरकार का एक प्रमुख भागीदार रहा है। राज्य सरकार, बैंकों और निगमों को नाबार्ड की वित्तीय सहायता साल 2020-21 में 22,709 करोड़ पहुंच गई है।
सुंदरगढ़ जिले में, प्रमुख विकास पहलों में ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, एसएचजी सदस्यों के लिए स्थायी आजीविका प्रदान करना, सिचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना तथा किसान उत्पादक कंपनियों को बढ़ावा देना शामिल है।
इस अवसर पर राज्यपाल की ओर से सुंदरगढ़ जिले से मधुसूदन मांझी को किसान उत्पादक संगठन और वाटरशेड परियोजना जैसे नाबार्ड की पहल के माध्यम से कृषि में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर नाबार्ड की प्रमुख उपलब्धियों पर दो प्रकाशन 'रिफ्लेक्शंस 2020-21' और 'यूनिट कॉस्ट बुक 2021-22' कृषि सावधि ऋण के वित्तपोषण के लिए बैंक संबंधी एक गाइड का अनावरण किया गया। राज्यपाल द्वारा किसान उत्पादक संगठनों पर एक गीत भी जारी किया गया।