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कंसर के पास मौजूद हाथियों का झुंड, खदेड़ने में बारिश बाधा

राउरकेला शहर से सटे पुराना जलदा से17 हाथियों का झुंड को केवल दो किलोमीटर दूर ही खदेड़ा जा सका। हाथी अब कंसर गांव के पास हैं। रात को हाथी धान के खेतों से होकर गुजरे जिससे फसल को नुकसान हुआ है। वन विभाग तथा आपरेशन गजराज की टीम को भारी बारिश के बीच रात भर हाथियों पर नजर रखी पड़ी। गुरुवार की शाम को अंधेरा होने के बाद फिर से खदेड़ने का प्रयास किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 11:53 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 06:22 AM (IST)
कंसर के पास मौजूद हाथियों का झुंड, खदेड़ने में बारिश बाधा
कंसर के पास मौजूद हाथियों का झुंड, खदेड़ने में बारिश बाधा

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला शहर से सटे पुराना जलदा से 17 हाथियों का झुंड को केवल दो किलोमीटर दूर ही खदेड़ा जा सका है। हाथी अब कंसर गांव के पास हैं। रात को उनके धान के खेतों से होकर गुजरने से फसल को काफी नुकसान हुआ है। वहीं, वन विभाग तथा आपरेशन गजराज की टीम को भारी बारिश के चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आपरेशन से जुड़े सभी सदस्यों को रात भर जगकर हाथियों पर नजर रखी पड़ी। गुरुवार की शाम अंधेरा होने पर फिर से उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया गया।

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बांकी, चांदीपोष व डलाकुदर जंगल में रहने वाला 17 हाथियों का झुंड मंगलवार की रात को शहर के पास पुरान जलदा में एक टोंगरी पर आकर रुक गया था। इसमें आधा दर्जन मादा, पांच बच्चे, दो दंतैल एवं चार मध्यम आयु के हाथी शामिल थे। उन्होंने इस इलाके में धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था। सूचना मिलने पर एसीएफ दिलीप कुमार साहू, पानपोष रेंजर दुर्जय साहू, लाठीकटा रेंजर अजय खेस, मोबाइल रेंजर दुसिया किसान, आपरेशन गजराज मनोरंजन तिग्गा के साथ हाथी भगाने वाली टीम व ग्रामीण मौके पर पहुंची और उन्हें दो किमी दूर कंसर तक खदेड़ सकी। अब गुरुवार शाम होने पर पहाड़ी से उतरने के बाद उन्हें दूर खदेड़ने की योजना है। हाथियों के नदी के किनारे से होकर यहां तक पहुंचने के कारण फसल को अधिक क्षति नहीं हुई है। इन्हें शहर से दूर खदेड़ने के प्रयास में जुटे हैं। बुधवार शाम से गुरुवार सुबह तक हाथियों को खदेड़ने का प्रयास किया गया पर यह झुंड कंसर गांव के पास रुका है जिससे वन विभाग को चिता सताने लगी है।

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वन विभाग तथा आपरेशन गजराज की टीम हाथियों को दूर खदेड़ने का प्रयास कर रही है। रात को हाथी केवल दो किलोमीटर ही आगे बढ़े और कंसर गांव के पास रुके हुए हैं। इनसे धान की फसल को नुकसान हुआ है। इसका मुआवजा किसानों को दिया जाएगा।

- दिलीप कुमार साहू, एसीएफ, राउरकेला।


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