श्रीमंदिर के रसगुल्ले पर लिफाफा जारी
रथयात्रा में खुद को साथ न लिए जाने से नाराज देवी लक्ष्मी को मनाने के लिए भगवान रसगुल्ला खिलाकर उनका मान मर्दन करते हैं।
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा के भगवान जगन्नाथ के व्यंजन में रसगुल्ला के महत्व को दर्शाने वाला एक लिफाफा डाक विभाग की ओर से जारी किया गया। पुरी धाम में पवित्र फाल्गुन पूर्णिमा के दिन इसका विमोचन किया गया। रथयात्रा के बाद भगवान श्री जगन्नाथ के श्रीमंदिर यानी निलाद्री बिजे के समय परंपरा के अनुसार रसगुल्ला का भोग लगाया जाता है।
रथयात्रा में खुद को साथ न लिए जाने से नाराज देवी लक्ष्मी को मनाने के लिए भगवान रसगुल्ला खिलाकर उनका मान मर्दन करते हैं। इस स्मृति के मद्देनजर डाक विभाग ने स्वतंत्र लिफाफा निकाला है। पुरी के प्रधान डाकघर में आयोजित एक समारोह में ओडिशा परिमंडल के मुख्य महाडाकपाल संतोष कुमार कामिला ने 1 मार्च को इस विशेष लिफाफे का विमोचन किया।
इस स्वतंत्र लिफाफे को श्रीमंदिर के छतिशा नियोग के नायक जनार्दन पाटजोशी को प्रदान किया गया। इस विमोचन उत्सव में पुरी डाकपाल देवराज सेठी, संस्कृति अनुसंधानकर्ता डॉ. असीत कुमार महान्ति प्रमुख ने महाप्रभु के व्यंजनों में रसगुल्ले के महत्व पर अपने अपने विचार रखे।