खोला जाएगा पुरी श्री मंदिर का रत्न भंडार
भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण संस्थान (एएसआई) और श्री मंदिर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रत्न भंडार का जायजा लिया जाएगा।
भुवनेश्वर, जेएनएन। विश्व प्रसिद्ध पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार 26 व 27 मार्च को खोला जाएगा। रत्न भंडार खोलने एवं उसका संपूर्ण जायजा लेने के लिये ओडिशा हाईकोर्ट में दायर एक मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश बिनित शरण एवं न्यायधीश बीआर षाड़ंगी की बेंच ने यह निर्णय दिया है। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण संस्थान (एएसआई) और श्री मंदिर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रत्न भंडार का जायजा लिया जाएगा।
गौरतलब है कि सन 1984 में आखिरी बार मंदिर के रत्न भंडार को खोलकर भंडार की स्थिति का जायजा लिया गया था। पुरी मंदिर के रत्न भंडार में अकुत धन रत्न होने की धारणा भक्तों में हैं। पुराने समय में पुरी के गजपति महाराजाओं ने विभिन्न राज्य जीतने के बाद रत्न भंडार में दिल खोलकर दान दिया है। श्री मंदिर प्रशासन की ओर से प्रशासक प्रदीप कुमार जेना ने 20 मार्च को हुए परिचानल कमेटी का हवाला देते हुए कहा कि बैठक में जगमोहन खोलने के साथ भक्तों के दर्शन को लेकर चर्चा हुई थी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि जगमोहन में स्थित रत्न भंडार के मरम्मत को लेकर एएसआइ की सहायता ली जाएगी। परिचालन कमेटी ने निर्णय लिया है कि रत्न भंडार की स्थिति का जायजा लेने एवं मरम्मत के बाद भक्तों के लिए जगमोहन को खोला जा सकता है।
नाट्यमंदिर के मरम्मत पर भी बैठक में चर्चा हुई। बैठकमें निर्णय लिया गया था कि रथयात्रा में महाप्रभु गुडिंचा मंदिर जाने के उपरांत नाट्यमंडप को मरम्मत के लिए एएसआइ को सौंपा जा सकता है। एएसआइ ने मरम्मत के लिए 90 दिन का समय मांगा था। वहीं जगन्नाथ सेना ने एएसआइ टीम के निरीक्षण के अनुमति का विरोध किया है।