विश्व स्तरीय शहर बनेगा पुरी, राज्य कैबिनेट ने 11 प्रस्तावों पर लगायी मुहर
ओडिशा सरकार पुरी को विश्व स्तरीय शहर बनाने के लिए 3208 करोड़ रुपये खर्च करेगी कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया गया।
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा सरकार ने समुद्र तट के किनारे स्थित धार्मिक नगरी पुरी को विश्व स्तरीय शहर बनाने के लिए आगामी तीन सालों में इस शहर के विकास पर 3,208 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सोमवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
ओडिशा लोकसेवा भवन में आयोजित इस कैबिनेट की बैठक में पुरी को विश्व स्तरीय शहर के तौर पर विकसित करने के साथ ही कैबिनेट ने 10 अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव असित त्रिपाठी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पुरी में 2019-20 और 2021-22 के बीच तीन वर्षों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार, विरासत और वास्तुकला के विकास (एबीएडीएचए) के तहत 3,208 करोड़ रुपया खर्च करने का निर्णय लिया गया है। पुरी में विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर है।
यहां देश-विदेश से लोग दर्शन के लिए आते हैं। पुरी में रथयात्रा भी निकाली जाती है। इसके तहत भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए अलग अलग रथ बनाए जाते हैं जिसे भक्त रस्सियों के सहारे खींचते हैं। मान्यता है कि रथ खींचने से मोक्ष मिलता है। इस कारण रथयात्रा के दौरान पुरी में भक्तों की काफी भीड़ जुटती है।
उसी तरह से पुरी गोवर्द्धन पीठ के संचालन का अधिकार जगतगुरू शंकराचार्य के पास होगा। इसका संचालन अब हिन्दू देवोत्तर अधिनियम के अनुसार नहीं किया जाएगा। अब यह मठ सरकारी नियंत्रण में नहीं होगा। इसके साथ ही सात ब्लाक में शुद्ध पेयजल मुहैया करने का सरकार ने निर्णय लिया है। जातिगत प्रमाणपत्र के लिए अब कोई शुल्क नहीं लगेगा। उसी तरह से जाजपुर जिला के सुकीन्दा ब्लाक अन्तर्गत 20 पंचायत के अधिन 71 गांव के 1 लाख 1 हजार 68 लोगों के लिए के प्रोजेक्ट को कैबिनेट में मंजूरी दी है। केन्दुझर जिला में 200 गांव 1 लाख 26 हजार 633 लोगों के घर के लिए एक अन्य प्रोजेक्ट बनाया जाएगा।
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